Agni Missile के जनक Ram Narain Agarwal को लोग प्यार से बुलाते थे अग्नि मैन, लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में निभाई बड़ी भूमिका, इस महान Scientist के बारे में जानिए 

Dr. Ram Narain Agarwal ने देश में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वे अग्नि मिसाइलों के पहले कार्यक्रम निदेशक थे. इस वजह से उन्हें अग्नि मैन के रूप में भी जाना जाता है. भारत को प्रमुख मिसाइल शक्ति बनाने में वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल का काफी अहम रोल रहा है.

Father of Agni Missiles Ram Narain Agarwal (File Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:24 AM IST
  • डॉ. राम नारायण अग्रवाल का जन्म साल 1939 में हुआ था
  • अंतिम सांस 15 अगस्त 2024 को ली 

दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइलों में से एक अग्नि मिसाइल (Agni Missile) के जनक देश के मशहूर साइंटिस्ट डॉ. राम नारायण अग्रवाल (Dr. Ram Narain Agarwal) का गुरुवार को निधन हो गया. डीआरडीओ (DRDO) के अधिकारियों ने बताया है कि राम नारायण अग्रवाल ने 84 साल की उम्र में हैदराबाद में अंतिम सांस ली.आइए इस महान वैज्ञानिक के बारे में जानते हैं. 

एक व्यापारियों के परिवार में हुआ था जन्म 
डॉ. राम नारायण अग्रवाल का जन्म साल 1939 में राजस्थान के जयपुर में एक व्यापारी परिवार में हुआ था. उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की. वह अपने पेशेवर सफर की शुरुआत में ही रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए.

भारत को प्रमुख मिसाइल शक्ति बनाने में वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल का काफी अहम रोल था. अग्रवाल ने भारत में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह अग्नि मिसाइलों के पहले कार्यक्रम निदेशक थे. उन्हें लोग प्यार से अग्नि अग्रवाल और अग्नि मैन के नाम से भी बुलाते थे.

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी किया था काम 
डॉ. राम नारायण अग्रवाल ने 2005 में हैदराबाद के एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (एएसएल) के संस्थापक और निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने अग्नि और अन्य मिसाइल कार्यक्रमों पर डॉ. अरुणाचलम और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम किया था. डॉ.अग्रवाल को 1995 में अग्नि कार्यक्रम का निदेशक नियुक्त किया गया था. चार वर्षों के भीतर साल 1999 में डॉ. अग्रवाल और उनकी टीम ने सड़क-मोबाइल लॉन्च क्षमता के साथ अग्नि-2 का नया संस्करण तैयार किया था. इस मिसाइल की मारक क्षमता को अग्नि-1 से अधिक किया गया था. 

इसके बाद भारत ने अग्नि-3 मिसाइल का प्रदर्शन किया.  इसके साथ ही भारत उन देशों के विशेष समूह में शामिल हो गया, जिनके पास लंबी दूरी की परमाणु-सक्षम मिसाइल शक्ति है. डॉ. राम नारायण अग्रवाल ने अग्नि मिसाइल प्रोग्राम को दो दशकों तक सफलतापूर्वक चलाया. उन्होंने मिसाइल की वॉरहेड की री- एंट्री, कंपोजिट हीट शील्ड, बोर्ड प्रोपल्शन सिस्टम, गाइडेंस और कंट्रोल आदि पर खुद काम किया था. डॉ. अग्रवाल ने देश में लंबी दूरी की मिसाइल निर्माण और प्रक्षेपण सुविधाओं के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

कई पुरस्कारों से नवाजा गया
डॉ. राम नारायण अग्रवाल को उनकी उपलब्धि के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया. इनमें प्रधानमंत्री द्वारा एयरोस्पेस और अग्नि क्षेत्र में योगदान के लिए वर्ष 2004 में डॉ. अग्रवाल को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया. उन्हें साल 1998 में डीआरडीओ टेक्नोलॉजी लीडरशिप अवार्ड, साल 2000 में चंद्रशेखर सरस्वती नेशनल एमिनेंस अवार्ड और भारत रत्न एम एस सुब्बलक्ष्मी के साथ बीरेन रॉय स्पेस साइंसेस अवार्ड से भी सम्मानित किया गया. वर्ष 1990 में उन्हें पद्म श्री और वर्ष 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

क्या है भारत का अग्नि मिसाइल कार्यक्रम
अग्नि मिसाइल कार्यक्रम भारत के सामरिक मिसाइल विकास कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसे DRDO द्वारा तैयार किया गया है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न रेंज की मिसाइलें बनाना और उनका परीक्षण करना है. अग्नि मिसाइलों को मुख्य रूप से दो कैटेगरी मीडियम रेंज और लॉन्ग रेंज में बांटा गया है. अब तक पांच अग्नि मिसाइलों का परीक्षण कर सेना में तैनात किया जा चुका है.

अग्नि-1: यह देश की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. इसकी रेंज 900 से 1200 किलोमीटर है. इसमें पारंपरिक और परमाणु हथियार लगा सकते हैं. यह 2002 से देश की सुरक्षा में तैनात है भविष्य में अग्नि-प्राइम इस मिसाइल की जगह लेगी.

अग्नि-II:  यह भी सतह से सतह पर मार करने वाली मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. जिसकी रेंज 2000 से 3500 किलोमीटर है. यह भी पारंपरिक या परमाणु हथियार लेकर टारगेट पर हमला कर सकती है. यह 2010 से देश की रक्षा कर रही है.

अग्नि-III: यह लंबी दूरी की मिसाइल है जिसकी रेंज लगभग 3500-5000 किलोमीटर है. हथियार का वजन कम या ज्यादा करके रेंज को बढ़ाया या कम किया जा सकता है.

अग्नि-IV: यह भी लंबी दूरी की मिसाइल है. इसकी रेंज लगभग 4000-5000 किलोमीटर है. यह उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकती है. इसका वजन 17 हजार kg है. यह अधिकतम 900 किलोमीटर की ऊंचाई तक सीधी उड़ान भर सकती है.

अग्नि-V: यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जिसकी रेंज 5000-8000 किलोमीटर तक है. इसके ऊपर 1500 kg वजन का परमाणु हथियार लगा सकते हैं. इसकी गति साउंड की स्पीड से कई गुना ज्यादा है. यह 29,401 km/hr की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है.


 

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