नव वर्ष पर बेटी भरेगी खुशियाें की उड़ान! पायलट बनने का सपना हुआ पूरा, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रामबाई की तीन पीढ़ियां कर चुकीं नाम रोशन

चरखी दादरी की अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग खिलाड़ी रामबाई अब तक 200 मेडल जीतकर रिकॉर्ड बना चुकी हैं. रामबाई की बेटी संतरा देवी व दोहती शर्मिला सांगवान भी मेडलों का शतक पूरा कर चुकी हैं. रामबाई की चौथी पीढ़ी में शर्मिला की बेटी जेनिथ अब हवाई ट्रेनिंग पूरा करके हवाई जहाज उड़ाने जा रही हैं.

पायलट बनने का सपना पूरा हुआ
gnttv.com
  • चरखी दादरी,
  • 01 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST
  • नव वर्ष पर बेटी भरेगी खुशियाें की उड़ान
  • पायलट बनने का सपना पूरा हुआ

चरखी दादरी के कादमा में रहने वाली 107 वर्षीय बुजुर्ग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रामबाई का परिवार महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रहा है. रामबाई की बेटी झोझू निवासी संतरा देवी कई खेल मुकाबलों में सैकड़ों मेडल अपने नाम कर चुकी हैं. वहीं संतरा देवी की बेटी शर्मिला दिल्ली में डीटीसी की बस चला रही हैंं और अब शर्मिला की बेटी जेनिथ गहलावत अब हवाई जहाज उड़ाएंगी. 

पति का साया उठने के बाद भी झोझू कलां की बेटी ने हार नहीं मानी और दिल्ली में डीटीसी बस चलाने के दौरान बेटी के पायलट बनने के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया. अब नव वर्ष पर बेटी जेनिथ गहलावत खुशियाें की उड़ान भरेगी और उसका पायलट बनने का सपना पूरा हो गया है. मात्र 62 घंटों कर उड़ान का प्रशिक्षण पूरा होते ही बेटी को पायलट का सर्टिफिकेट मिल जाएगा. 

200 मेडल जीत चुकी हैं 
चरखी दादरी के गांव कादमा निवासी 108 वर्षीय अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग खिलाड़ी रामबाई अब तक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करीब 200 मेडल जीतकर रिकॉर्ड बना चुकी हैं. रामबाई ने 100 साल से ज्यादा उम्र में खेलना शुरू किया था. रामबाई की बेटी संतरा देवी व दोहती शर्मिला सांगवान भी मेडलों का शतक पूरा कर चुकी हैं. रामबाई की चौथी पीढ़ी में शर्मिला की बेटी जेनिथ अब हवाई ट्रेनिंग पूरा करने के बाद नव वर्ष में पायलट का सर्टिफिकेट पाकर हवाई जहाज उड़ाने का सपना पूरा करेगी. 

पति का सड़क हादसे में निधन हो गया 
चरखी दादरी के गांव झोझू कलां निवासी शर्मिला देवी ने बताया कि करीब 17 साल पहले पति का सड़क हादसे में निधन होने के बाद से ही मायका रहने लगी. बचपन में बेटी काे पायलट बनने का सपना था, बेटी का सपना पूरा करने के लिए दिल्ली में डीटीसी की नौकरी करते हुए प्रशिक्षण दिलाया. पायलट के लिए बेटी जेनिथ ने सभी परीक्षाओं को पास करते हुए नारनौल में प्रशिक्षण ले रही हैं और मात्र 62 घंटे का प्रशिक्षण पूरा करते ही बेटी को पायलट का सर्टिफिकेट मिल जाएगा.

प्रशिक्षण के बाद बेटी नव वर्ष के आगमन पर हवाई जहाज उड़ाना शुरू कर देंगी. वहीं जेनिथ गहलावत ने बताया कि पिता नहीं होने पर भी मां शर्मिला ने माता-पिता की दोहरी भूमिका में उसके सपनों को परवान चढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. अब नव वर्ष 2025 में मेरा सपना पूरा होने वाला है और बचपन में लिया सपना अब पायलट बनकर पूरा होने पर बहुत खुशी है. 

(प्रदीप कुमार की रिपोर्ट)
 

 

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