दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में शनिवार की देर शाम सात बजकर 57 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. उत्तराखंड में भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.4 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक इसका केंद्र नेपाल में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था. इससे पहले गत मंगलवार की देररात को भी भूकंप आया था. उस वक्त भी भूकंप का केंद्र नेपाल ही था. आइए आज जानते हैं क्यों आते हैं भूकंप और इससे बचने के क्या-क्या हैं उपाय.
धरती के अंदर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है
ऊपर से शांत दिखने वाली धरती के अंदर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है. धरती के अंदर मौजूद प्लेटें आपस में टकराती रहती हैं जिसके चलते हर साल भूकंप आते हैं. जानकार बताते हैं कि हमारी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं. ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है. धरती की सतह के नीचे जहां पर चट्टानें आपस में टकराती हैं उस जगह को भूकंप का केंद्र कहा जाता है. इस केंद्र से ही भूकंप की ऊर्जा तरंगों के रूप में बतौर कंपन फैलती है.
भूकंप से बचने के लिए क्या करें
1. भूंकप आने पर आप तुरंत घर से बाहर खाली जगह या मैदान में आ सकते हैं.
2.अगर भूकंप आ गया है और आप किसी बड़ी इमारत के अंदर है तो आप किसी मजबूत लकड़ी की टेबल के नीचे बैठ जाएं.
3.भूकंप की स्थिति में कभी भी अपने घर में किसी मजबूत वस्तु या अलमारी के आसपास खड़े ना हो या उसके नीचे न बैठें वरना वह आपके ऊपर गिर सकती है.
4. भूकंप आने पर सबसे पहले आप बिजली के सारे उपकरण बंद कर दें.
5. यदि आप किसी अपार्टमेंट में बड़ी बिल्डिंग में रहते हैं तो आप हमेशा खिड़की से दूर रहें.
6.पेड़ या बिजली के खंबे या बिजली के तार की लाइन के नीचे न खड़े हों.
7. अगर आप किसी वाहन में हैं तो इसे धीरे-धीरे करके रोकें व गाड़ी को खाली मैदान में खड़ी कर बैठे रहे जब तक झटके बंद नहीं हो जाएं.
8. भूकंप आने पर बहुत से लोग घबरा जाते हैं जिससे उन्हें दिल का दौरा पड़ जाता है. लोगों को घबराना नहीं चाहिए बल्कि सावधानीपूर्वक भूकंप से बचने के उपाय करना चाहिए.