पांच राज्यों में अगले साल की पहली तिमाही में संभावित विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम का एलान इस साल तो नामुमकिन सा लग रहा है. अगले साल पांच जनवरी के आसपास चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है.
कोविड के नए वेरिएंट ऑमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस खुसफुस की आवाज तेज हो रही है कि क्या सचमुच विधान सभा चुनाव टलेंगे? लेकिन संविधान के प्रावधानों के मुताबिक विधानसभा या लोकसभा का कार्यकाल पांच साल की तय अवधि के बाद एक दिन भी बढ़ाने के लिए या तो संविधान में संशोधन करना होगा या फिर आपातकाल बताते हुए राष्ट्रपति शासन लगाना होगा. दोनों ही स्थिति में संसद का अधिवेशन बुलाना और मंजूरी लेना जरूरी है. फिलहाल ऑमिक्रॉन संक्रमण के हालात आपातकाल के मानकों पर बैठते नहीं दिख रहे.
सख्ती से होगा प्रोटोकॉल का पालन
आयोग के सूत्रों के मुताबिक इस बार कोविड/ऑमिक्रॉन के प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से सुनिश्चित करवाने के प्रावधान होंगे. आयोग इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है ताकि चुनावों के बाद अदालतों तक मामला न जाए. अगर जाए भी तो आयोग उसके सामने अपनी बात स्पष्टता और मजबूती के साथ रख सके.
अभी कई प्रक्रिया बाकी
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक चुनावी कार्यक्रमों के ऐलान से पहले अभी तो कई प्रक्रियागत काम होने बाकी हैं.
अगले हफ्ते तो निर्वाचन आयोग का यूपी का दौरा होना है. इसके बाद फिर आयोग की टीम मणिपुर का भी दौरा करेगी.
पिछले हफ्तों में निर्वाचन आयोग ने पंजाब, उत्तराखंड, गोवा का दौरा पूरा किया है. अब अगले हफ्ते में यूपी और फिर मणिपुर की चुनावी तैयारियों पर रिपोर्ट की समीक्षा होगी.
यूपी में 6 से 8 चरणों में हो सकता है मदतान
एक जनवरी तक चुनाव वाले सभी राज्यों को वोटर लिस्ट अपडेट करने को कहा गया है. आयोग के सूत्रों के मुताबिक यूपी में छह से आठ चरणों में मतदान कराए जाने की उम्मीद है. गोवा और मणिपुर में तो एक ही चरण में मतदान होगा. पंजाब और उत्तराखंड में भी पहले की तरह एक ही चरण में मतदान कराने की योजना है. मौसम के मुताबिक जरूरत पड़ी तो दो चरण में हो सकता है मतदान.