सोशल मीडिया से चढ़ रहा गजब का क्रेज, पिता का 100वां जन्मदिन मनाने के लिए करवाई दोबारा शादी

किसान रहे विश्वनाथ सरकार ने 1953 में सुरोधवानी से शादी की थी. दंपति की बहू गीता सरकार ने बताया कि ये शादी दोबारा करवाने का आइडिया तब आया जब मैंने कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर इस तरह का एक पोस्ट देखा.

बच्चों ने कराई पिता की दोबारा शादी
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST
  • 100 साल पूरे होने पर बच्चों ने कराई पिता की दोबारा शादी
  • इस जोड़े की शादी के लिए किया गया भव्य आयोजन

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले विश्वनाथ सरकार के जन्मदिन पर उनके छह बच्चे, 23 पोते और 10 परपोते कुछ खास करना चाहते थे. इस अवसर को मनाने के लिए उन्होंने एक अलग तरह की भव्य शादी (Grand Father-Mother Marriage) की योजना बनाई. बच्चों ने सरकार और उनकी पत्नी (90 वर्षीय सुरोधवानी)की दोबारा शादी करवाने की सोची. दोनों की शादी बड़े ही धूमधाम से की गई, पूरे जिले में अब इनकी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है. 

बता दें कि, किसान रहे विश्वनाथ सरकार ने 1953 में सुरोधवानी से शादी की थी. दंपति की बहू गीता सरकार ने बताया कि ये शादी दोबारा करवाने का आइडिया तब आया जब उन्होंने कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर इसी तरह की एक पोस्ट देखी. इसके बाद, उन्होंने यह आइडिया परिवार के अन्य लोगों को बताया और सबने मिलकर एक भव्य शादी कराने के लिए योजना बनाई. 

 

रस्मो रिवाज के साथ हुई शादी

दंपति के बच्चे, नाती-पोते और परपोते, जो अन्य राज्यों में भी रहते हैं. इस अवसर को मनाने के लिए गांव लौट आए. शादी के लिए दुल्हन दूल्हे के परिवार में आती है इसलिए, हमने उसी के अनुसार ये योजना बनाई. दंपति के पोते पिंटो मोंडल ने कहा कि हमारे दादा-दादी जियागंज के बेनियापुकुर गांव में रहते हैं, हमारा पुश्तैनी घर बामुनिया गांव में है, जो करीब पांच किमी दूर है. मेरी दादी को दो दिन पहले वहां ले जाया गया था. 

दंपति की पोतियों ने दुल्हन को शादी के लिए और पोतों ने दूल्हे को बेनियापुकुर में तैयार किया. बुधवार को सरकार को दुल्हन को घर लेने बामुनिया ले जाया गया. दूल्हे के घोड़ागाड़ी पर सवार होकर बमुनिया पहुंचते ही आतिशबाजी की गई.

दुल्हे ने धोती-कुर्ता और दुल्हन ने साड़ी पहनी और फिर दोनों ने एक दूसरे को मालाएं पहनाई. इस मौके पर विश्वनाथ सरकार ने कहा कि शादी समारोह के साथ-साथ मेरे बच्चों ने एक भव्य रात्रिभोज की व्यवस्था भी की. हम दोनों को ये सब देखकर बड़ी खुशी हुई.

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