Familism in Politics: दक्षिण भारत की राजनीति में परिवारवाद हावी, अब स्टालिन के बेटे बने मंत्री

दक्षिण भारत की राजनीति में परिवारवाद हावी है. अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे विधायक उदयनिधि स्टालिन को कैबिनेट में शामिल किया है. बुधवार को उन्हें चेन्नई के राजभवन में राज्यपाल आरएन रवि ने मंत्री पद की शपथ दिलाई.

उदयनिधि स्टालिन बने मंत्री. (फाइल फोटो)
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST
  • अभिनेता से राजनीति में आए उदयनिधि स्टालिन 2021 में बने थे विधायक 
  • खेल मंत्री के पद पर बुधवार को ली शपथ, अन्नाद्रमुक ने परिवारवाद का लगाया आरोप

दक्षिण भारत की राजनीति में परिवारवाद हावी है. अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे विधायक उदयनिधि स्टालिन को कैबिनेट में शामिल किया है. बुधवार को उन्हें चेन्नई के राजभवन में राज्यपाल आरएन रवि ने मंत्री पद की शपथ दिलाई. उन्हें खेल मंत्री बनाया गया है. शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस सहित डीएमके के अन्य सहयोगी दलों के नेता भी शामिल हुए. वहीं, राज्य की मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने समारोह का बहिष्कार किया. अन्नाद्रमुक ने सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके पर परिवारवाद का आरोप लगाया. उधर, उदयनिधि ने कहा कि वह अपने काम से राजनीति में परिवारवाद को लेकर आलोचना का जवाब देंगे.

राजनीति में करुणानिधि का परिवार 
मुलायम सिंह के बाद करुणानिधि का परिवार सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार है. दक्षिण के दिग्गज नेता रहे करुणानिधि ने तीन शादियां की थी. पहली पत्नी पद्मावती से हुए उनके बेटे का नाम एमके मुथू है. जो तमिल फिल्म अभिनेता हैं. दूसरी पत्नी दयालु अम्मल से चार बच्चे हुए. इनमें एमके अलागिरि, एमके स्टालिन, एमके तमिलारासू और बेटी सेल्वी हैं. स्टालिन की तरह एमके अलागिरि भी डीएमके से जुड़े लेकिन विवाद पैदा होने पर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया. वहीं, तीसरी पत्नी रजाथी अम्मल से बेटी कनिमोझी हुईं. जो राज्यसभा सांसद हैं.  बेटे एमके स्टालिन ने पिता करुणानिधि की राजनीति विरासत को आगे बढ़ाया. दक्षिण के दिग्गज नेताओं में गिने जाने वाले स्टालिन को करुणानिधि ने अपना उत्तराधिकारी बनाया था. एम.के. स्टालिन द्रमुक पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. स्टालिन ने 1967 में मात्र 14 साल की उम्र में राजनीति कॅरियर की शुरुआत की. उन्होंने पार्टी DMK के लिए प्रचार किया. स्टालिन के दो बच्चे हैं. बेटा उदयनिधि और बेटी सेन्थराई सुबरिशन. 

उदयनिधि ने 2021 में लड़ा था विस चुनाव
उधयनिधि 4 जुलाई 2019 को डीएमके यूथ विंग के सचिव बने और यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई. अभिनेता से राजनेता बने उदयनिधि ने पिछले साल तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में डीएमके का गढ़ माने जानी वाली सीट चेपक-थिरुवल्लिकेनी से चुनाव लड़ा भी और जीता भी. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे विधायक उदयनिधि को अब कैबिनेट में शामिल किया है. मंत्री बनने के बाद उदयनिधि स्टालिन ने कहा, उन्हें सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है वो उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे. 

तीसरी पीढ़ी के हैं नेता 
उदयनिधि स्टालिन के बेटे हैं. वर्तमान में वो चेपॉक-थिरुवल्लिकेनी विधानसभा से विधायक हैं. राजनीति में आने के बाद से उन्हें रायजिंग सन कहा जा रहा है क्योंकि वो स्टालिन परिवार की तीसरी पीढ़ी के नेता हैं. पहले फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके उदयनिधि अब राजनीति में इतिहास रचने के लिए कदम बढ़ा चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि वो राजनीति में परिवारिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे. डीएमके ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में इनका नाम सबसे ऊपर रखकर अहमियत दी.

अब फिल्मों में काम नहीं करेंगे
उदयनिधि ने कई तमिल फिल्मों में भी मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं. वह पिछले साल तमिलनाडु चुनाव में स्टार प्रचारकों में से एक के रूप में उभरे. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला करके सुर्खियां बटोरीं थीं. मंत्री बनने के बाद उदयनिधि ने कहा कि वह अब फिल्मों में अभिनय नहीं करेंगे. मारी सेल्वराज निर्देशित 'मामनन' उनकी आखिरी फिल्म होगी. उन्होंने कहा, मैंने अभिनेता-निर्माता कमल हासन के एक प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है.

परिवार के इर्द गिर्द घूमते एजेंडे
पेरियार से अलग होने वाले अन्नादुराई के पास एक लक्ष्य था. वो द्रविड़ों को एक मजबूत आधार देना चाहते थे. जब सत्ता अन्नादुराई से होते हुए करुणानिधि के पास आई और उनकी मौत के बाद एमके स्टालिन के पास आ गई है तो पार्टी में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए. खुद करुणानिधि के समय में भी तमाम मुद्दों को लेकर पार्टी की आलोचना हुई.पार्टी पर 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में भागीदारी और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगे. परिवार आज भी सीबीआई, ईडी और आयकर जैसे विभागों से अपने को बचाने में अपनी सारी ऊर्जा लगा रहा है. इन तमाम बातों से साफ है कि आज पार्टी का मतलब करुणानिधि परिवार और परिवार के एजेंडे रह गए हैं.

परिवारवाद के आरोप पर क्या बोले उदयनिधि?
परिवारवाद की राजनीति के आरोप पर उदयनिधि ने कहा कि लोगों ने मुझे चुना है. मेरा काम आलोचकों को मेरा जवाब होगा. उन्होंने कहा कि उनकी योजना हर निर्वाचन क्षेत्र में एक खेल स्टेडियम बनाने की है. 45 वर्षीय उदयनिधि डीएमके की युवा शाखा के सचिव भी हैं. उदयनिधि को 2019 में युवा विंग का सचिव नियुक्त किया गया था. ये पद उनके पिता ने लगभग तीन दशकों तक संभाला था. 


 

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