रेलवे सुरक्षा के मामले में सजग है. यही वजह है कि समय-समय पर रेल यात्रियों या फिर रेल पटरियों से पैदल गुजरने वाले लोगों को जागरूक किया जाता है कि गलत तरीके से लोग रेलवे लाइन को पार न करें. इसको लेकर कई अभियान चलाए जाते हैं. उत्तर रेलवे ने पटरियों पर होने वाले आकस्मिक हादसों पर लगाम लगाने के लिए फिलहाल सभी मंडलो को ये निर्देश दिए है कि पैदल रेल पटरियों से गुजरने वाले लोगों पर सख्त कार्यवाही की जाए जिससे लोगों में एक तो जागरूकता आये दूसरा वो रेल लाइन को पैदल पार करने से बचें.
रेलवे लगातार रेल अंडर पास और रेल ओवर ब्रिज बना कर रेल क्रोसिंग को फ्री करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. लेकिन उसके बाद जहां इस तरह की व्यवस्था है वहां आये दिन रेल पटरियों पर हादसे होते रहते हैं. इन्हीं हदसों को रोकने के लिए रेलवे ने अब सख्त कदम उठाने का फैसला किया है.
पटरियां क्रास करने पर आए दिन होते हैं हादसे
उत्तर रेल के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने सभी मंडलों को इसे गंभीरता से लेने और इस दिशा में उचित कदम उठाने को कहा है. वहीं रेलवे इस बात पर भी ध्यान दे रहा है कि रेलवे ट्रैक के किनारे अवैध रूप से बसे हुए लोग बिना रोक टोक के रेल पटरियों को पार करते है जिससे आये दिन हादसे होते रहते हैं. इसको देखते हुए उन स्थानो पर विशेष निगरानी रखने को कहा गया है. रेलवे ऐसी जगह पर दीवार बना कर रेल यात्रियों के जाने के रास्ते को अवरुद्ध करके रोकने के लिए प्रयास करेगा.
रेलवे में इसको लेकर पहले से है कानून
हालांकि इसको लेकर पहले से कानून है. रेलवे एक्ट की धारा 147 में गलत तरीके से ट्रैक पार करने पर 1 हज़ार का जुर्माना या फिर 6 महीने तक सज़ा का प्रावधान है. उत्तर रेलवे की तरफ से साफ तौर निर्देश दिए गए है कि रेलवे स्टेशन,रेलवे क्रोसिंग, रेल अंडर पास , ट्रैक के किनारे जुग्गी बस्तियों पर विशेष निगरानी दल तैनात रहे जिससे रेल पटरियों को पार करने से लोगो को रोक जा सके.