युवाओं की जिंदगी रौशन कर रहे प्रकाश ! सपनों की नौकरी दिलाने और खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के मिशन पर हैं ये फायर फाइटर

मिडल और लॉन्ग डिस्टेंस की दौड़ में 40 राज्य पदक विजेता, ओम प्रकाश जायसवाल का फ्री फिजिकल ट्रेनिंग कोचिंग के साथ कार्यकाल 2011 में शुरू हुआ. उन्होंने सबसे पहले पुरुषोत्तम बिश्नोई को फ्री ट्रेनिंग दी थी.

युवाओं के सपनों को पूरा करने में मदद कर रहे ओम प्रकाश जायसवाल (Photo - EPS)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST
  • ओम प्रकाश जायसवाल कर रहे युवाओं के सपनों को पूरा करने का काम
  • 54 वर्षीय फायर फाइटर ओम प्रकाश दे रहे युवाओं को जॉब और खेल के लिए ट्रेनिंग

गरीब और वंचित युवाओं के सपनों को उड़ान देने के लिए मध्य प्रदेश के 54 वर्षीय फायर फाइटर ओम प्रकाश जायसवाल मिशन पर उतरे हैं. वह गरीब परिवार के युवाओं को पुलिस, अर्धसैनिक बलों और भारतीय सेना की सेवा करने के उनके सपने को पूरा करने में मदद कर रहे हैं. 
एक लाख युवाओं की मदद का रखा लक्ष्य 

ओम प्रकाश जायसवाल मध्य प्रदेश पुलिस के चैंपियन मिडल और लॉन्ग डिस्टेंस रनर हैं. राज्य के खेल और युवा कल्याण विभाग ने उन्हें इंदौर में 650 पुलिस कांस्टेबल उम्मीदवारों को ट्रेनिंग देने के लिए नियुक्त किया है. जायसवाल गरीब परिवारों के कम से कम एक लाख युवाओं को राज्य पुलिस बलों और सेना में भर्ती होने में मदद करना चाहते हैं. 

एक होनहार लॉन्ग डिस्टेंस रनर हैं ओम प्रकाश 

जायसवाल 1986 में स्पेशल आर्म फॉर्स(SAF) में एक कांस्टेबल के रूप में राज्य पुलिस में शामिल हुए. वह 1999 में एक फायरमैन (कांस्टेबल) के रूप में राज्य पुलिस की फायर सर्विस ब्रांच में शामिल हुए. पुलिस बल में, वह 800 मीटर से 10,000 मीटर तक की दौड़ और सभी ट्रैक इवेंट में एक होनहार मिडल और लॉन्ग डिस्टेंस रनर के लिए जाने जाते हैं. 

2000 में, जायसवाल ने मैराथन में 22 वर्षीय एमपी राज्य पुलिस रिकॉर्ड तोड़ कीर्तिमान रचा था. इसके बाद 2016 में, उन्होंने इंदौर में अपनी टीम के साथ 782 थ्रो का एक नया शॉट पुट रिले रिकॉर्ड स्थापित करके गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रवेश किया. मिडल और लॉन्ग डिस्टेंस की दौड़ में 40 राज्य पदक विजेता, जायसवाल का फ्री फिजिकल ट्रेनिंग कोचिंग के साथ कार्यकाल 2011 में शुरू हुआ, इस दौरान उन्होंने इंदौर के नेहरू स्टेडियम और गांधी हॉल में अभ्यास किया.

ओम प्रकाश ने पहले बैच में 36 लोगों को दी थी ट्रेनिंग

प्रकाश जायसवाल बताते हैं कि उनके पहले स्टूडेंट का नाम पुरुषोत्तम बिश्नोई था, जो हरदा जिले का एक पुलिस कांस्टेबल था. उन्होंने उसे नेहरू स्टेडियम, मल्हार आश्रम और गांधी हॉल में मुफ्त ट्रेनिंग दी. उनके पहले बैच में 36 लोग शामिल थे, जिसमें छिंदवाड़ा की एक लड़की श्रद्धा यादव भी शामिल थी. सभी 36 छात्रों ने न केवल सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के लिए शारीरिक परीक्षण पास किया, बल्कि उनमें से कुछ, परीक्षा में अव्वल रहे. 

श्रद्धा यादव ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि "मैं कभी खेल में नहीं रही थी, इसलिए मुझे इस बात की चिंता थी कि मैं 2012 में सब-इंस्पेक्टर पद के लिए कठोर शारीरिक परीक्षा कैसे पास करूंगी लेकिन, ओपी सर ने थोड़े समय में ही मेरे लिए अद्भुत काम किया और मैंने शारीरिक परीक्षा पास कर ली". 

ओम प्रकाश के बड़े बेटे जय प्रकाश भी एक पुलिस कांस्टेबल हैं, जोकि इंदौर में तैनात हैं. साथ ही छोटे बेटे अजय जायसवाल इंदौर में बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन कोर्स कर रहे हैं, जिन्होंने अपने पिता के साथ इंदौर के चिमन बाग ग्राउंड में पुलिस और सेना के उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया है. 

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