बच्चों पर यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर अधिक जागरूकता पैदा करने की जरूरत है. बाल शोषण के मामलों में आरोपियों को सजा तो मिल ही जाती है, लेकिन बच्चों के दिमाग में इसका गहरा असर रहता है. इस तरह की घटनाओं के बाद बच्चे बिना किसी डर के बयान दे सके और अपनी बात को कह सके इसलिए उन्हें अच्छा माहौल देने की जरूरत है. इसी के तहत केरल में भी चाइल्ड फ्रेंडली पोक्सो कोर्ट खोला गया.
मुख्य अतिथि रहीं स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस दौरान कहा कि एर्नाकुलम में चाइल्ड फ्रेंडली पोक्सो कोर्ट ने देश के लिए एक मिसाल कायम की है. यौन अपराध का शिकार हुए बच्चों को बयान देने के लिए अच्छा माहौल देने की जरूरत है. अगर उन्हें इसके लिए सही माहौल नहीं दिया गया तो वह तनाव में रहेंगे.
खुले खेल के मैदान में बनाया गया है कोर्ट
महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने इस कोर्ट के लिए 69 लाख रुपये दिए थे. इसे एक खुले खेल के मैदान में बनाया गया है. जहां, कैफेटेरिया और बच्चों के लिए अच्छे माहौल में सबूत देने के लिए सुविधाओं के साथ एक कोर्ट भी बनाया गया है. यहां बच्चों के खेलने के लिए झूले भी लगाए गए हैं. साथ ही बच्चों के लिए तरह-तरह के खिलौने रखे गए हैं.
बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता के लिए इनडोर गेम्स, अलग शौचालय और खाने की जगह की सुविधा भी होगी. यहां विशेष अदालतें परिवार के किसी सदस्य या अभिभावक, एक दोस्त या रिश्तेदार को अदालत में आने की अनुमित देकर बच्चों के अनुकूल माहौल तैयार करेंगी. यहां बच्चे आराम से बैठकर अनौपचारिक माहौल में बयान दे सकते हैं.
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