यूपी में दिखेंगे चुस्त दुरुस्त ट्रैफिक पुलिसकर्मी, शारीरिक तौर पर फिट लोगों को 2 साल के लिए भेजा जाएगा ट्रैफिक डिपार्टमेंट में   

उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक को और बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. अब इसी कड़ी में चुस्त दुरुस्त पुलिसकर्मियों को ही ट्रैफिक पुलिस में आने के निर्देश दिए जाएंगे. अगर किसी भी चौकी में तैनात पुलिसकर्मी को ट्रैफिक में आना है तो उन्हें पहले उसके लिए खुद को मानसिक और शारीरिक तौर पर फिट करने की जरूरत पड़ेगी.

Traffic police
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 03 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST
  • शारीरिक व मानसिक तौर पर फिट हों 
  • ट्रैफिक व्यवस्था को किया जाएगा बेहतर 

उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक को बेहतर बनाने के लिए अब चुस्त-दुरुस्त पुलिसकर्मी ही तैनात होंगे.  डीजीपी ने सिविल पुलिस से ट्रैफिक में आने वाले पुलिस कर्मियों के लिए निर्देश जारी कर दिया है. नए निर्देश में लंबे और शारीरिक तौर पर फिट पुलिसकर्मियों को ही ट्रैफिक में 2 साल के लिए भेजा जाएगा. 

अभी तक क्या थे नियम?

नागरिक पुलिस से ट्रैफिक पुलिस में डेपुटेशन पर आने वाले पुलिस कर्मियों के लिए अब कम उम्र, शारीरिक फिटनेस और बीते सालों में कैरेक्टर रोल अहम भूमिका निभाएगा. अब तक पीएसी से ट्रैफिक में पुलिसकर्मी भेजे जाते थे लेकिन अब नागरिक पुलिस यानी थाने और चौकियों में तैनात पुलिसकर्मी भी ट्रैफिक पुलिस में भेजे जाएंगे. 

जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक, नागरिक पुलिस से ट्रैफिक पुलिस में जाने वाले आरक्षी की उम्र 35 साल से अधिक ना हो, आरक्षी की ऊंचाई कम से कम 170 सेंटीमीटर हो, शारीरिक तौर पर बेडौल ना हो, बीते 2 सालों में उसके कैरेक्टर रोल पर कोई वैलंट्री ना हो आदि शामिल हैं. 

शारीरिक व मानसिक तौर पर फिट हों 

इसके अलावा निर्देशों में कहा गया है कि ट्रैफिक में आने वाले सिपाही ओवरवेट ना हो, सिपाही शारीरिक व मानसिक तौर पर फिट हो तो उसे 3 साल के लिए ट्रैफिक पुलिस में तैनात किया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ हेड कॉन्स्टेबल के ट्रैफिक में तैनाती के लिए उम्र 55 वर्ष से अधिक न हो, साथ  ही सत्य निष्ठा बीते 5 सालों में संदिग्ध न रही हो यानी कैरेक्टर रोल में कोई प्रतिकूल प्रविष्टि न हो, शारीरिक तौर पर स्वस्थ हो बेडौल न हो.

कब तक के लिए होगी नियुक्ति 

बता दें, उस कांस्टेबल की नियुक्ति 5 साल के लिए होगी जिसे आगे 2 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकेगा.  58 साल की उम्र होते ही हेड कांस्टेबल को उसके मूल कैडर यानी नागरिक पुलिस में वापस भेज दिया जाएगा. ऐसे ही नागरिक पुलिस से ट्रैफिक में जाने वाले सब इंस्पेक्टर की उम्र भी 55 वर्ष से अधिक न हो, 5 सालों में कैरेक्टर रोल पर कोई प्रतिकूल प्रविष्टि ना हो, सब इंस्पेक्टर के ट्रैफिक पुलिस में तैनाती भी 5 साल के लिए होगी. 

ट्रैफिक व्यवस्था को किया जाएगा बेहतर 

अडिशनल चीफ सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी के मुताबिक, ये सब डीजीपी ऑफिस से सुपरवाइज किया गया है. ट्रैफिक में अब यंग कांस्टेबल्स और महिला कांस्टेबल्स को भी शामिल किया गया है. नौजवान पुलिस कर्मियों के आने से ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त होगी. 

गौररतलब है कि हाल ही में ट्रैफिक व्यवस्था को अच्छा करने के लिए सीएम योगी ने बैठक ली थी. इसमें 10000 होम गार्ड और कांस्टेबल ट्रैफिक को देने की बात कही गई थी. सीएम ने सड़को के चौड़ीकरण की भी बात की थी जिससे ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर हो सके. इसमें लखनऊ से कानपुर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए बोला गया था. 
 

 

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