पत्रकार से किसान बने इस शख्स को मिला National Millionaire Farmer Award 2023, प्राकृतिक खेती कर बदली अपनी किस्मत

Journalist Turned Farmer won award: नई दिल्ली में आयोजित ICAR Millionaire Farmers Meet-2023 में गोपीना कृष्ण प्रसाद को National Millionaire Farmer Award से सम्मानित किया गया है.

Millionaire Farmer of India
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST
  • जीता 2023 का मिलेनियर फार्मर पुरस्कार

पत्रकार से किसान बने एक व्यक्ति ने अपने नवीन खेती के तरीकों के लिए National Millionaire Farmer Award 2023 जीता है. हाल ही में, नई दिल्ली में आयोजित ICAR Millionaire Farmers Meet-2023 में श्रीकाकुलम के मूल निवासी गोपीना कृष्ण प्रसाद (47) को यह पुरस्कार दिया गया. प्रसाद एचेर्ला मंडल के कोंगाराम गांव में एक किसान परिवार से हैं.

प्रसाद के पिता रामबाबू और बड़े भाई नरेंद्र कुमार पिछले तीन दशकों से पारंपरिक कृषि पद्धतियों का उपयोग करके 20 एकड़ भूमि पर खेती कर रहे थे. साल 2015 में प्रसाद ने अपनी पत्रकार की नौकरी छोड़कर खेती में कदम रखा. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रसाद ने जिले में पहली बार प्राकृतिक खेती और पॉलीहाउस तकनीक के माध्यम से तरबूज, टमाटर, शिमला मिर्च और फूलों की खेती शुरू की. उन्होंने अपने खेत के पास एक बोरवेल खोदकर अपनी पथरीली जमीन को उपजाऊ खेती में बदला.

उन्होंने श्रमिकों की कमी को पूरा करने के लिए कृषि उपकरणों के मशीनीकरण को अपनाने के अलावा, प्राकृतिक खेती के माध्यम से सब्जियों, दालों और धान की खेती भी शुरू की. अमादलवलसा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के भाग्यलक्ष्मी, एस नीलावेनी, एस किरणकुमार, वी हरिकुमार और बी मौनिका के सहयोग से प्रसाद मुनाफा कमाने में सक्षम हुए और राज्य के अन्य प्रगतिशील किसानों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया. 

जीता 2023 का मिलेनियर फार्मर पुरस्कार 
प्रसाद के प्रयासों को देखते हुए, कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक और कार्यक्रम समन्वयक भाग्यलक्ष्मी ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) को एक प्रस्ताव भेजा, जिसके बाद प्रसाद को आईसीएआर और कृषि जागरण ने मिलेनियर किसान पुरस्कार 2023 के लिए नामांकित किया गया. 

टीएनआईई से बात करते हुए, प्रसाद ने कहा, “मेरे पिता और भाई को खेती में भारी घाटा हुआ था. तब मैंने खेती की जिम्मेदारी संभाली और 2015 में कृषि विज्ञान केंद्र, अमादलावलसा के कई वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में शिमला मिर्च, तरबूज, फूल और टमाटर की खेती के लिए एक पॉलीहाउस स्थापित किया. अब मैं प्राकृतिक कृषि विधियों के माध्यम से धान, सब्जियां, दालें और ताड़ के तेल की खेती कर रहा हूं."

 

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