Ban diesel Vehicles: आपके पास भी है डीजल वाले 4-पहिया वाहन? जल्द लग सकता है इसपर बैन, जानें किन शहरों में सबसे पहले उठाया जाएगा ये कदम 

अगर आपके पास भी 4-पहिया वाहन है तो इसपर जल्द बैन लग सकता है. ये कदम सबसे पहले ऐसे शहरों में उठाया जा सकता है जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है या जहां प्रदूषण ज्यादा है.

Ban diesel Vehicles
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2023,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST
  • 10 साल में हो सकता है बड़ा बदलाव 
  • देश में हो इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल 

अगर आप भी डीजल कार चला रहे हैं तो आपके लिए मुश्किल हो सकती है. हो सकता है जल्द ही आपको गैस या इलेक्ट्रिक व्हीकल पर शिफ्ट करना पड़े. दरअसल, तेल मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 2027 तक 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में डीजल से चलने वाले चौपहिया वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए और बिजली और गैस से चलने वाले वाहनों पर स्विच करना चाहिए. इसके अलावा, पूर्व ऑयल सेक्रेटरी तरुण कपूर की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में भी 2035 तक इंटरनल कम्बशन इंजन वाले मोटरसाइकिल, स्कूटर और तिपहिया वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का सुझाव दिया गया है.

10 साल में हो सकता है बड़ा बदलाव 

इंडिया एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फरवरी में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने वाले पैनल ने कहा कि लगभग 10 साल में शहरी क्षेत्रों में कोई डीजल सिटी बसें नहीं होनी चाहिए. हालांकि, सरकार ने अभी तक इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है. रिपोर्ट में कहा गया है, "ईवीएस को 2035 तक इंटरनल कम्बशन इंजन वाले दो या तीन पहिया वाहनों को चरणबद्ध करने की तैयारी करनी चाहिए. साथ ही इथेनॉल-मिक्स्ड फ्यूल के लिए कमा करना चाहिए.”

इथेनॉल मिक्स्ड फ्यूल का करें इस्तेमाल 

रिपोर्ट में पैसेंजर कारों और टैक्सियों सहित चौपहिया वाहनों को आंशिक रूप से इलेक्ट्रिक और इथेनॉल-मिक्स्ड पेट्रोल की तरफ रुख करना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजल से चलने वाले चौपहिया वाहनों को जल्द से जल्द खत्म किया जा सकता है. इसलिए, 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले और प्रदूषित शहरों में डीजल से चलने वाले चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंध को पांच साल में, यानी 2027 तक लागू किया जाना है.”

देश में हो इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल 

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को 31 मार्च से आगे के लिए फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स स्कीम (FAME) के तहत दिए गए सुझावों पर विचार करना चाहिए. ये कदम भारत को 2070 तक अपने कार्बन एमिशन को शून्य तक कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेंगे. 

गौरतलब है कि इस कदम के माध्यम से प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं. ये इंडस्ट्री और ऑटोमोबाइल में डीजल जैसे लिक्विड फ्यूल की तुलना में कम प्रदूषणकारी होती है. भारत का लक्ष्य अपने ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 2030 तक 6.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना है.


 

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