समुद्र में भारत की और ताकत बढ़ने वाली है. जी हां, भारतीय नौसेना के बेड़े में युद्धपोत महेंद्रगिरी को शामिल करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसको 1 सितंबर 2023 को लॉन्च किया जाएगा. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में इसका शुभारंभ करेंगी.
उपराष्ट्रपति के सचिवालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी सुदेश के साथ 1 सितंबर को मुंबई का दौरा करेंगे. इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ चीफ गेस्ट होंगे जबकि उनकी पत्नी इस युद्धपोत को लॉन्च करेंगी. इसके साथ ही उपराष्ट्रपति एमडीएल के हेरिटेज म्यूजियम धरोहर का भी दौरा करेंगे.
पहाड़ी चोटियों के नाम पर रखा गया है नाम
ओडिशा में पूर्वी घाट की पहाड़ी चोटियों के नाम पर इस युद्धपोत नाम महेंद्रगिरी रखा गया है. यह प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाया गया स्टील्थ फ्रिगेट है. यह फ्रिगेट्स स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित है. यह कई उन्नत सुविधाओं से लैस है, जिसमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार, सेंसर और प्लेटफॉर्म प्रबंधन सिस्टम शामिल हैं. इन उन्नत सुविधाओं के साथ, महेंद्रगिरी भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने और चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी. चीन-पाकिस्तान को यह युद्धपोत छक्के छुड़ा देगा.
युद्धपोत विंध्यगिरी को राष्ट्रपति ने किया था लॉन्च
17ए परियोजना के तहत चार युद्धपोत मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में और बाकी तीन कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) में बनाए जा रहे हैं. इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अगस्त को जीआरएसई में परियोजना 17ए के छठे युद्धपोत विंध्यगिरी को लॉन्च किया था.
प्रोजेक्ट 17ए के तहत इतने जंगी जहाज हैं बनने
प्रोजेक्ट 17ए के तहत सात जंगी जहाज बनने हैं. इनमें से भारतीय नौसेना ने पांच युद्धपोत लॉन्च किए हैं. लॉन्च किए गए फ्रिगेट्स के नाम हैं- नीलगिरी, उदयगिरी, तारागिरी, हिमगिरी और दूनागिरी. इन युद्धपोतों का लॉन्च ऐसे समय में हुआ है जब आत्मनिर्भरता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सैन्य उपस्थिति बढ़ रही है और भारत अपनी पहुंच बढ़ान के लिए प्रतिबद्ध है. सभी प्रोजेक्ट 17ए युद्धपोत वर्तमान में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं और 2024-26 के दौरान नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है.
महेंद्रगिरी की खूबियां
1. बेहतर स्टील्थ फीचर्स: ये सुविधाएं फ्रिगेट्स को रडार और अन्य सेंसरों से छिपाने में मदद करती हैं. इससे फ्रिगेट्स को दुश्मन के हमलों से बचने में मदद मिलती है.
2. उन्नत हथियार और सेंसर: इनमें हवा से हवा में मार गिराने वाली मिसाइल, एंटी-शिप मिसाइल, एंटी-सबमरीन मिसाइल और एक स्वदेशी रूप से विकसित हथियार प्रणाली शामिल है. ये हथियार और सेंसर फ्रिगेट्स को विभिन्न प्रकार की लक्ष्यों को मारने में सक्षम बनाते हैं.
3. इसमें 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स लगे हैं. यानी यहां से 72 रॉकेट्स दागे जा सकते हैं. इसके अलावा इसमें एक 76 मिलिमीटर की ओटो मेलारा नौसैनिक गन लगी है. दूसरी तरफ 2 एके-630एम CIWS गन लगी है, जो दुश्मन के जहाज, हेलिकॉप्टर, बोट्स या मिसाइल पर ऑटोमैटिकली हमला करने में सक्षम है.
4. इस जंगी जहाज पर 2 ध्रुव हेलिकॉप्टर या दो सी-किंग एमके हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं. इस जहाज पर दो मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर्स को रखने के लिए बंद हैंगर है.
5. प्लेटफॉर्म प्रबंधन सिस्टम: यह सिस्टम फ्रिगेट्स के विभिन्न उपकरणों और प्रणालियों को नियंत्रित और समन्वयित करता है. यह फ्रिगेट्स को अधिक कुशलता से संचालित करने में मदद करता है.