G20 Summit: होटल में रखे गए हैं हथियार ताकि आपात स्थिति में सप्लाई चेन न हो बाधित, जानिए जी20 की तैयारियों को लेकर और क्या कुछ हैं पुख्ता इंतजाम

9 और 10 सितंबर को दिल्ली में जी20 का शिखर सम्मेलन हो रहा है. इसके लिए सरकार और पुलिस दोनों ने कमर कस रखी है. जरा सी भी गड़बड़ी न हो इसके लिए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा आपात स्थिति के लिए भी कई सारी तैयारियां की गई हैं.

G20 Summit
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

G-20 की सुरक्षा के लिए जिस स्तर पर तैयारी की गई है वो अभूतपूर्व है. जब देश की राजधानी दिल्ली में 9 राष्ट्रों के राष्ट्राधक्ष्य और 100 से ज्यादा वीवीआईपी मेहमान होंगे और वो भी तीन दिनों के लिए, तब राजधानी में जरा सी गड़बड़ी देश की शाख पर धब्बा लगा सकती है. इस वजह से पहले ही तैयारी कर ली गई है कि किसी भी गड़बड़ी को होने से पहले ही रोका जा सके.  अगर बदकिस्मती से कही कोई आतंकी हमला हो जाता है तो उसे कैसे छोटा से छोटा बनाया जाए इसकी तैयारी की गई है.

आतंकी हमले की स्थिति में सुरक्षा कर्मियों को हथियार की सप्लाई में कमी न आ जाए इसलिए होटल के अंदर हथियारों को जमा करके रखा गया है. होटल के अंदर जिन हथियारों का इस्तेमाल जवान कर रहे हैं वो गोलियों से भरे हैं. ये सभी अत्याधुनिक हथियार हैं.  इसके अलावा आपातकाल के लिए दवा और मेडिकल सप्लाई , स्मोक ग्रेनेड, बैकअप के लिए हथियार और वायरलेस सेट बंद न हो इसलिए उसके चार्जर से लेकर कई अतिरिक्त चीजें भी इक्ट्ठा की गई हैं. दरअसल एजेंसी कही से कोई खामी नही रहने देना चाहती है. ये तयारी दर्शाती है की किस तरह से एजेंसी अपनी गलतियों से सीखती है. इसलिए हथियारों का क्वालिटी चेक बार बार किया जा रहा है. नियमित रूप से डीसीपी रैंक के अधिकारी की देखरेख में ये सभी काम हो रहे हैं. 

हथियारों की नहीं होगी कमी
जी20 की सुरक्षा की तैयारी पिछले काफी वक्त से शुरू है. सुरक्षा तैयारियों के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति समेत दूसरे देशों के राष्ट्र अध्यक्षों के प्रोटोकॉल को भी ध्यान में रखा गया है. इस दौरान एक मीटिंग में यह तय किया गया कि अगर दुर्भाग्य से कोई आतंकी संगठन अपने नापाक इरादों में थोड़ा बहुत सफलता पा लेता है और किसी घटना को अंजाम देता है तो उसे दौरान सुरक्षा कर्मियों के हथियार या फिर किसी भी चीज की सप्लाई चेन में रुकावट नहीं आनी चाहिए. जमीन पर तैयारी के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियां हवाई खतरों को भी लेकर सतर्क हैं. दिल्ली में प्रगति मैदान से लेकर के प्रधानमंत्री निवास के एरिया तक को फ्लाइंग जोन में डाला गया है यानी कोई भी ऐसा ऑब्जेक्ट जिसे रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है वह एनडीएमसी इलाके में उड़ेगा तो फौरन गिरा दिया जाएगा इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है.

सतर्क पर एजेंसियां
एजेंसियां साइबर अटैक को लेकर के भी पूरी तरह से सतर्क हैं. एक्सपर्ट की एक टीम लगातार ऐसे खतरों पर नजर बनाकर रखे हुए हैं. खासतौर से उन होटल में साइबर एक्सपर्ट की टीम नजर बना कर रखी हुई है जहां पर विदेशी मेहमानों को ठहराया गया है. सुरक्षा में नई अत्याधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. खासतौर से होटल में और सीसीटीवी कैमरा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि संदिग्धों की पहचान तुरंत की जा सके. होटल में जो स्टॉफ वीवीआईपी मेहमानों की देखभाल करेगा उनकी कई बार वेरिफिकेशन की जा चुकी है.

हर फ्लोर के लिए अलग स्टाफ
सुरक्षा में कहीं कोई कमी ना रहे इसलिए होटल और प्रगति मैदान इन सभी जगह को अलग-अलग वेन्यू के रूप में निर्धारित किया गया है. हर वेन्यू का एक कमांडर निश्चित किया गया है. कमांडर ही विदेशी मेहमानों के सुरक्षाकर्मियों से सीधे संपर्क में रहेगा. यह कमांडर आईपीएस स्टार के अधिकारी हैं जिन होटल में वीवीआईपी मेहमानों को रखा गया है वहां पर हर फ्लोर के लिए अलग स्टाफ है. यहां तक की जो कार्ड उन्हें दिया गया है वह जी-20 के लिए विशेष तौर पर बनाया गया है. कोई भी स्टाफ अपनी मर्जी से ना तो घूम पाएगा और नहीं एक से दूसरे फ्लोर पर जा पाएगा.

(हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट)

 

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