इंदिरा गांधी को क्यों बोला ना, चंद्रास्वामी पर नरसिम्हा राव की कैबिनेट बैठक में क्यों भड़के... Ghulam Nabi Azad ने बताए किस्से

Ghulam Nabi Azad Interview: गुलाम नबी आजाद ने इंदिरा गांधी को ना क्यों कहा? जब ये सवाल आजाद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने दो जनरल सेक्रेटरी बनाने के लिए कहा तो मैंने उनको लिखित में मना कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राजीव गांधी को हजारों बार ना कहा है.

आज तक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में गुलाम नबी आजाद
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 1:14 AM IST

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम, कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता और अब डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी नाम से नई पार्टी बना चुके गुलाम नबी आजाद ने आजतक के खास कार्यक्रम में 'सीधी बात' में अपनी सियासी जीवन के कई किस्से सुनाए. सुधीर चौधरी से बातचीत में उन्होंने इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी के साथ बिताए अपने सियासी जीवन के बारे में बताया.  गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जिसके साथ भी मैंने काम किया, आजादी से किया. इंदिरा गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव के साथ काम किया. लेकिन जब लगा कि आजादी खतरे में है तो पार्टी छोड़ना पड़ा.

नरसिम्हा राव पर बोले गुलाम नबी आजाद-
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नरसिम्हा राव के साथ आखिरी दो साल में हमारी लड़ाई भयंकर रही. करुणाकर, राजेश पायलट, शरद पवार और मैंने आखिरी सालों में वर्किंग कमेटी जाना बंद कर दिया था. वर्किंग कमेटी में मैंने खुलकर बोला. इसपर नरसिम्हा राव जी ने कहा कि गुलाम नबी ठीक बोल रहे हैं? उन्होंने मेरी साइड ली.

आजाद ने सुनाई चंद्रास्वामी की कहानी-
गुलाम नबी आजाद ने 'सीधी बात' में चंद्रास्वामी की भी कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि कैसे जब नरसिम्हा राव के घर में कैबिनेट होती थी और चंद्रास्वामी आते थे तो वो बैठक छोड़कर चले जाते थे. वर्किंग कमेटी होती थी, जब स्लिप आती थी, तो चले जाते थे. आजाद ने कहा कि जब एक बार उनके घर पर कैबिनेट मीटिंग हुई तो मैंने कहा कि पहले मैं बोलूंगा. मैंने कहा कि प्रधानमंत्री आप हैं या चंद्रास्वामी? वो हक्का-बक्का हो गए. मैंने कहा कि चंद्रास्वामी कई दिनों से मुझे बुला रहा है, लेकिन मैं नहीं जा रहा हूं. जब मैंने मालूम किया तो पता चला कि सिर्फ दो आदमी चंद्रास्वामी के पास नहीं जाते थे, एक मैं और दूसरा मनमोहन सिंह. बाकी सभी मिनिस्टर जाते हैं. तो उसने कहा कि इन दोनों को मैं हटा दूंगा. तो हटाने का काम तो प्रधानमंत्री का है, ये चंद्रास्वामी कब से प्राइम मिनिस्टर बन गया? इसपर नरसिम्हा राव ने कहा कि नहीं जाना चाहिए, आप लोग क्यों जाते हो?

आजाद ने इंदिरा गांधी को क्यों बोला ना-
इंदिरा गांधी को भी ना कहने के सवाल पर आजाद ने कहा कि उन्होंने मुझे को जनरल सेक्रेटरी बनाने को कहा. मैंने उनको लिखित में भेजा कि They don't come under the criteria. आजाद ने कहा कि राजीव गांधी को हजार बार ना बोला है.  उन्होंने का कि सोनिया गांधी तक ये समझती थी कि जो भी हम पार्टी या सरकार के हित में कहेंगे, उसमें हमारा कोई पर्सनल इंटरेस्ट नहीं होगा. लेकिन नई लीडरशिप के लिए हमारी सोच पुरानी है.
 कश्मीर में बहुत बीबीसी सुनते थे. हर घंटे बीबीसी की उर्दू सर्विस होती थी. उन्होंने कहा कि मैं सोचता था कि जिंदगी में अगर कुछ बन गया तो रेडियो पर भी और न्यूज होने चाहिए. भाग्य से मैं इंदिरा गांधी के समय में आईएंडबी का जूनियर मिनिस्टर बन गया. मैंने पहला ऑर्डर किया कि बीबीसी के पैटर्न पर ऑल इंडिया रेडियो 24 घंटे का होना चाहिए. सेक्रेटरी आया और बोला कि मंत्री जी ने इसको टर्न्ड आउट किया. मैंने कहा कि फाइल लाओ. मैं इंदिरा जी के यहां गया और फाइल उनके सामने रखा. इंदिरा जी ने भगत जी को फोन मिलाया और कहा कि भगत जी, हम बूढ़े आदमी खुद कुछ नया करते नहीं है और जो करते हैं, उनको करने नहीं देते हैं. इंदिरा जी ने कहा कि मेरे पास भी ये पोर्टफोलिया था, लेकिन मेरी समझ में ये नहीं आया. लेकिन इस लड़के को देखो. आपने कैसे इसको टर्न्डआउट कर सकते हैं और इसके बाद फोन रख दिया.

मंत्री बनाते थे गुलाम नबी आजाद-
गुलाम नबी आजाद ने राजीव गांधी को लेकर भी एक किस्सा बताया. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी उनके सुझाव पर कैबिनेट बनाते थे. लेकिन मैंने कभी जिंदगी में ये नहीं बताया कि मैंने बनवाया है. आज बहुत सारे लोग हैं, उनको अब तक मालूम नहीं है. आजाद ने कहा कि एक दिन राजीव गांधी ने कहा कि कैबिनेट विस्तार करना है, नाम दे दो. मैंने 6-7 नाम दिए. एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि आप तो बड़ा सीक्रेटिव हैं. मैंने कहा कि क्या हुआ? उन्होंने कहा कि मैं तुम्हारा टेस्ट लेना चाहता था. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का तुम नाम दिए थे, उनसे मैंने बात की तो पता चला कि उनको पता ही नहीं था. मैंने किसी को बताया नहीं था. उसके बाद उन्होंने किसी स्टेट की भी कैबिनेट नहीं बनाई. मैंने ही बनाया. लेकिन आज तक हमने किसी को बताया नहीं.

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