Global Wind Day: सिर्फ सोलर नहीं पवन ऊर्जा के मामले में भी तरक्की कर रहा है देश, जानें भारत के टॉप विंड पार्क्स के बारे में

हर साल 15 जून को Global Wind Day मनाया जाता है ताकि लोगों को पवन ऊर्जा और इसकी क्षमताओं के बारे में जागरूक किया जा सके. भारत में आज बहुत सी जगहों पर Wind Parks बनाए गए हैं.

Global Wind Day (Photo: Twitter/@tntourismoffcl)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली,
  • 15 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST
  • Global Wind Day हर साल 15 जून को मनाया जाता है
  • भारत सरकार निजी क्षेत्र के निवेश के माध्यम से पूरे देश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दे रही है

Global Wind Day हर साल 15 जून को मनाया जाता है. यह विंडयूरोप (EWEA) और ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल (GWEC) द्वारा आयोजित किया जाता है. इस दिन का उद्देश्य दुनिया को पवन ऊर्जा के बारे में जागरुक करना है. भारत में भी काफी समय से पवन उर्जा पर काम हो रहा है.

भारत सरकार निजी क्षेत्र के निवेश के माध्यम से पूरे देश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दे रही है. राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (NIWE) के माध्यम से सरकार ने 800 से अधिक पवन निगरानी स्टेशन स्थापित किए हैं. देश के राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान द्वारा किए गए आकलन से पता चलता है कि भारत में जमीनी स्तर से 100 मीटर ऊपर 302GW की सकल पवन ऊर्जा क्षमता है.

आज Global Wind Day के मौके पर हम आपको बता रहे हैं देश के टॉप Wind Parks के बारे में. 

1. मुपंदल विंड फार्म: 1,500MW (Muppandal Wind Farm)
भारतीय राज्य तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में स्थित, 1,500 मेगावाट (मेगावाट) का मुपंदल विंड फार्म देश का सबसे बड़ा तटवर्ती पवन फार्म है. इस परियोजना में 200 किलोवाट (KW) से 1650 किलोवाट तक के विभिन्न आकारों के बड़ी संख्या में पवन टर्बाइन हैं.

तमिलनाडु ऊर्जा विकास एजेंसी ने इसे तैयार किया है. यह फैसिलिटी आसपास के निवासियों के लिए अक्षय ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अरब सागर से आने वाली हवा का उपयोग करती है और भारत के समग्र ऊर्जा मिश्रण में योगदान करती है. विंड फार्म में सुजलॉन, एनईजी माइकॉन, वेस्टास और एनरकॉन सहित कई निर्माताओं के टर्बाइन हैं. 

2. जैसलमेर विंड पार्क: 1,064MW (Jaisalmer Wind Park)
सुजलॉन एनर्जी द्वारा विकसित जैसलमेर विंड पार्क देश का दूसरा सबसे बड़ा ऑनशोर विंड प्रोजेक्ट है. यह 1,064 मेगावाट परियोजना राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है. जैसलमेर जिले के भीतर अमरसागर, बड़ाबाग, बारामसर, तेजुवा और सोडा माडा सहित पवन फार्म साइटों का एक समूह है.

इस विंड पार्क का विकास 2001 में शुरू हुआ था. इस प्रोजेक्ट में शुरुआती 350Kw मॉडल से लेकर नवीनतम S9X - 2.1MW सीरीज तक, सुजलॉन के पूरे विंड पोर्टफोलियो का इस्तेमाल हुआ है. 

3. ब्राह्मणवेल विंड फार्म: 528MW (Brahmanvel Wind Farm)
महाराष्ट्र के धुले जिले में स्थित 528MW ब्राह्मणवेल विंड फार्म, पारेख एग्रो इंडस्ट्रीज ने बनाया है. धुले के अलावा, महाराष्ट्र के सतारा, सांगली और पंचगनी में बड़ी संख्या में बिजली उत्पादन सुविधाएं हैं. 4098 मेगावाट के साथ तमिलनाडु के बाद भारत में महाराष्ट्र की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा स्थापित क्षमता है. 

4. ढलगांव पवन फार्म: 278MW (Dhalgaon Wind Farm)
गडरे मरीन एक्सपोर्ट्स ने महाराष्ट्र के सांगली में 278 मेगावाट ढलगांव विंड फार्म विकसित किया. 2005 में चालू किए गए विंड फार्म में सुजलॉन और एनरकॉन के टर्बाइन हैं.

महाराष्ट्र में पवन ऊर्जा के मामले में निवेशक के अनुकूल नीतियां हैं और इस कारण यह पवन ऊर्जा में निवेश करने के लिए सबसे अच्छे राज्यों में से एक है. मार्च 2011 तक राज्य में लगभग 2309 मेगावाट की निजी पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं.

5. वंकुसावडे विंड पार्क: 259MW (Vankusawade Wind Park)
259 मेगावाट वंकुसावड़े विंड पार्क भी महाराष्ट्र में है. यह भारत की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा उत्पादन सुविधाओं में से एक है. वंकुसावड़े विंड पार्क में सुजलॉन एस33/350 टर्बाइन हैं और हर एक टर्बाइन 350 किलोवाट का है. यह पार्क सतारा शहर से लगभग 40 किमी दूर कोयाना जलाशय से 1,150 मीटर ऊपर एक पहाड़ी पठार पर स्थित है. 

 

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