Goa Liberation Day: भारतीय सेना के कारण आज गोवा है भारत का हिस्सा, मात्र 36 घंटे में दिलाई थी गोवा को आजादी

भारत के आजाद होने के 14 साल बाद गोवा को पुर्तगालियों के शासन से मुक्ति मिली. इसलिए 19 दिसंबर को हर साल Goa Liberation Day मनाया जाता है.

Goa Liberation Day History (Photo: Youtube)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST
  • भारतीय सेना ने दिलाई आजादी 
  • महज 36 घंटे में गोवा हुआ था पूरी तरह आजाद

गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को मनाया जाता है. साल 1961 में इसी दिन 450 सालों के बाद गोवा को भारतीय सेना द्वारा पुर्तगाली शासन से मुक्त किया गया था. 1510 में, पुर्तगालियों ने भारत में कई स्थानों पर अपना शासन जमाया. हालांकि, बाद में गोवा अंग्रेजों के अधीन आ गया. लेकिन पुर्तगाल की नजर हमेशा गोवा पर रही.

15 अगस्त, 1947 को जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तो नेहरू सरकार ने अंग्रेजों से गोवा को भी भारत का राज्य बनाने की मांग की. वहीं, दूसरी तरफ पुर्तगाल भी गोवा पर दावा करने लगा. अंग्रेजों ने एक बार फिर गोवा की बागडोर पुर्तगाल के हाथों में दी दी. 

गोवा की आजादी का संघर्ष
भारत को तो आजादी मिल गआ लेकिन गोवा अभी भी आजादी के लिए तड़प रहा था.  वैसे तो गोवा की आजादी के लिए आंदोलन भारत की आजादी के बहुत पहले शुरू हो गया था. गोवा के राष्ट्रवादियों ने मिलकर 1928 में मुंबई में 'गोवा कांग्रेस समिति' का गठन किया था. इस समिति के अध्यक्ष डॉ.टी.बी.कुन्हा थे. 

डॉ. कुन्हा को गोवा के राष्ट्रवाद का जनक माना जाता है. हालांकि, दो दशकों तक गोवा के इस अभियान को सफलता नहीं मिली और फिर 1946 में डॉ.राम मनोहर लोहिया गोवा पहुंचे. उन्होंने आंदोलन को नई दिशा दी. उनकी गतिविधियों से परेशान होकर उन्हें जेल में डाल दिया गया. पर तब तक लोहिया गोवा के लोगों में अपनी जगह बना चुके थे और उनके लिए जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होने लगे. और पुर्तगाली सरकार को उन्हें छोड़ना पड़ा.  

भारतीय सेना ने दिलाई आजादी 
आजादी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन ने पुर्तगालियों से गोवा को छोड़ने के लिए की बार अनुरोध किया. लेकिन वे नहीं माने. लेकिन गोवा में आजादी का संघर्ष तेज हो रहा था. आंदोलनकारियों ने 1954 में दादर और नगर हवेली को आजाद कराकर भारतीय शासन की स्थापना करा दी. उस समय दमन और दीव भी गोवा का हिस्सा था.  

आंदोलन को बढ़ता देख नेहरू ने लोगों की मांग का समर्थन करते हुए साल 1961 में पहली बार गोवा को आजाद कराने के लिए भारतीय सेना को अनुमति दे दी. मेजर जनरल के.पी. कैंडेथ को '17 इन्फैंट्री डिवीजन' और '50 पैरा ब्रिगेड' का प्रभार मिला. वहीं गोवा अभियान में हवाई कार्रवाई की जिम्मेदारी एयर वाइस मार्शल एरलिक पिंटो को मिला. भारतीय सेना ने 2 दिसंबर, 1961 को 'गोवा मुक्ति' अभियान शुरू कर दिया.

महज 36 घंटे में गोवा हुआ था पूरी तरह आजाद
बताया जाता है कि पहले वायु सेना ने कार्यवाई शुरू की. 8 और 9 दिसंबर को पुर्तगालियों के ठिकाने पर अचूक बमबारी की गई. इसके बाद,  'ऑपरेशन विजय' के तहत 18 दिसंबर, 1961 से जमीनी कार्रवाई शुरू की गई. सेना की तीनों शाखाएं- भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय थल सेना इस अभियान में शामिल थीं.
 
इस मिशन के शुरू होने के महज 36 घंटे में गोवा पूरी तरह आजाद हो गया. गोवा के साथ-साथ दमन और दीव में भी भारत का शासन स्थापित हुआ. हलांकि, 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना.

 

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