World Earth Day 2022 पर Google ने Doodle के जरिए दिया खास संदेश, दिखाया तीन दशकों में कैसे बदली है पृथ्वी

गूगल ने अपने डूडल में धरती पर दशकों से हो रहे क्लाइमेट चेंज (Climate Change) के प्रभावों को दर्शाया है. गूगल ने जो इमेजरी जारी है उसमें कई पृथ्वी के कई अलग-अलग हिस्सों को दिखाया है, जहां पर जलवायु परिवर्तन का असर हुआ है.

Google Doodle Today
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 10:06 AM IST
  • गूगल ने दिखाया क्लाइमेट चेंज
  • पिघल रहा है माउंट किलिमंजारो का ग्लेशियर
  • पिघल रही है ग्रीनलैंड की बर्फ

आज पूरी दुनिया अर्थ डे (Earth Day 2022) मना रही है. इस मौके पर दुनिया भर में सबसे महत्वपूर्ण दिनों को रचनात्मक और मजाकिया एनिमेशन के साथ मनाने के लिए जाना जाने वाला गूगल डूडल भी इस बार कुछ अलग लेकर आया है. इस बार गूगल डूडल (Earth Day Google Doodle) ने  गूगल अर्थ टाइम लैप्स (Google Earth Time Lapse) और अन्य स्रोतों से रीयल टाइम-लैप्स इमेजरी का इस्तेमाल करते हुए, ग्रह पर चार अलग-अलग क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को दर्शाता है.

गूगल ने दिखाया क्लाइमेट चेंज
गूगल ने अपने डूडल में धरती पर दशकों से हो रहे क्लाइमेट चेंज (Climate Change) के प्रभावों को दर्शाया है. गूगल ने जो इमेजरी जारी है उसमें कई पृथ्वी के कई अलग-अलग हिस्सों को दिखाया है, जहां पर जलवायु परिवर्तन का असर हुआ है. चार क्षेत्र पृथ्वी पर प्रसिद्ध स्थान है, जो वर्षों से जलवायु परिवर्तन के कारण प्रभावित हुए हैं. जैसे अफ्रीका के  तंजानिया में माउंट किलिमंजारो (Mount Kilimanjaro in Tanzania); ग्रीनलैंड में सेर्मर्सूक (Sermersooq in Greenland); ऑस्ट्रेलिया में ग्रेट बैरियर रीफ (the Great Barrier Reef in Australia); और एलेंड, जर्मनी में हार्ज़ फॉरेस्ट (Harz Forests in Elend, Germany). 

तापमान और मौसम पर पड़ रहा है गहरा असर
दरअसल क्लाइमेट चेंज तापमान और मौसम के पैटर्न में दीर्घकालिक बदलाव को दर्शाता है. साल 1800 के बाद से मानव गतिविधियां क्लाइमेट चेंज को बहुत हद तक प्रभावित किया है. कोयला, तेल और गैस जैसे ईंधनों के दोहन ने नई मुश्किलें पैदा कर दी हैं. गूगल ने आज के अपने खास डूडल में पृथ्वी पर क्लाइमेट चेंज से होने वाले बदलाव को दर्शाने की कोशिश की है.  

पिघल रहा है माउंट किलिमंजारो का ग्लेशियर
Google के अनुसार, माउंट किलिमंजारो की टाइम-लैप्स इमेजरी में 1986 से 2020 तक हर दिसंबर में ली गई तस्वीरें शामिल हैं. फर्टवांगलर ग्लेशियर किलिमंजारो पर्वत के शिखर के पास स्थित है. ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है. कभी किलिमंजारो के शिखर पर एक बर्फ की टोपी का हिस्सा था. लेकिन वक्त के साथ बर्फ से ढकी चोटियां से बंजर भूमि में बदल रही है. गूगल अर्थ के अनुसार, पिछली शताब्दी में लगभग 85 प्रतिशत ग्लेशियर गायब हो चुके हैं.

पिघल रही है ग्रीनलैंड की बर्फ
सेर्मर्सूक की टाइम-लैप्स इमेजरी 2000 से 2020 तक हर साल दिसंबर में ली गई छवियों को दिखाती है. आर्कटिक में बर्फ पिघलने के दो अलग-अलग प्रकार हैं. उत्तरी ग्रीनलैंड की पिघलती बर्फ की चादरें समुद्र में पानी के स्तर को लगातार बढ़ा रही हैं. उत्तर की ओर, तीन दशकों में तैरती बर्फ की चादरों में लगातार गिरावट आई है. गूगल अर्थ के अनुसार, गर्म तापमान ने समुद्री बर्फ के पिघलने और ग्रीनलैंड की बर्फ की चादरें दोनों को तेज कर दिया है.

आज अर्थ डे के मौके पर गूगूल ने इम तस्वीरों के जरिए लोगों के चेताने की कोशिश की है.  हर साल अर्थ डे 22 अप्रैल को हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को बचाए रखने के संकल्प के तौर पर मनाया जाता है.

 

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