टेक्नोलॉजी ने तमाम तरह की भाषाओं को समझने में जिस तरह से इंसान की मदद की है वह अकल्पनीय है. अब कई तरह के ऐप्स हैं, जो किसी भी भाषा को आसानी से दूसरी भाषा में ट्रांसलेट कर सकते हैं. पहले जो भाषा की वजह से दूरियां थी उसको काफी हद तक कम करने में तकनीक ने मदद की है. ट्रांसलेशन का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे दिमाग में गूगल ट्रांसलेट का नाम आता है. गूगल के इस ट्रांसलेशन प्लेटफॉर्म की वजह से दूसरे भाषओं को समझना अब आसान हो गया है. इसलिए गूगल राष्ट्रीय के बाद अब क्षेत्रीय भाषओं को काफी महत्व दे रहा है और अपने ट्रांसलेशन प्लेटफॉर्म पर लगातार नई भाषाओं को एड कर रहा है. इसी क्रम में गूगल ने संस्कृत और भोजपुरी समेत 8 भारतीय भाषाओं को अपने प्लेटफॉर्म पर जोड़ा है. यानी अब आप किसी भी भाषा को संस्कृत समेत भारत के दूसरे क्षेत्रीय भाषाओं में ट्रांसलेट कर पाएंगे. तो चलिए आपको बताते हैं कि भारत की और किन भाषाओं को गूगल ने अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ा है.
पहली बार नॉर्थईस्ट की भाषाओं को भी जोड़ा गया
गूगल रिसर्च के सीनियर सॉफ्टवेयर इंजिनियर आइजेक कैसवेल ने ईटी से बात करते हुए बताया कि संस्कृत गूगल ट्रांसलेट में नंबर वन और सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट की जाने वाली भाषा है और हम अब इसे फाइनली जोड़ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा हम पहली बार नॉर्थईस्ट की मिजो, मेइतिलोन (मणिपुरी) और असमिया जैसे भाषाओं को भी जोड़ रहे हैं.
संस्कृत के आलावा इन 8 भाषओं को जोड़ा गया
गूगल ने संस्कृत के अलावा असमिया, भोजपुरी, डोगरी, कोंकणी, मैथिली, मिजो और मेइतिलोन को भी जोड़ा है. इसमें मिजो, मेइतिलोन (मणिपुरी) और असमिया को पूर्वोत्तर भारत के करीब 50 मिलियन लोग बोलते हैं. वहीं भोजपुरी, मैथिली और डोगरी को उत्तर भारत के लोग बोलते हैं. इनमें भोजपुरी को भारत के बाहर के देशों में जैसे नेपाल और फिजी में भी बोला जाता है. इन तीन भाषाओं को बोलने वाले करीब 90 मिलियन लोग हैं. इसके अलावा कोंकणी को 20 लाख और संस्कृत को करीब 20 हजार लोग बोलते हैं. इन 8 भाषाओं के जुड़ने के बाद गूगल ट्रांसलेट पर अब 19 भारतीय भाषाएं उपलब्ध है.
ट्रांसलेशन के बाद वॉयस टू टेक्स्ट और कैमरा मोड जैसे फीचर को भी किया जाएगा एड
अभी जिन भाषाओं को गूगल ट्रांसलेशन से जोड़ा गया है वह फिलहाल टेक्स्ट फीचर को ही सपोर्ट कर रहा है लेकिन कंपनी जल्द ही वॉयस टू टेक्स्ट, कैमरा मोड और अन्य फीचर्स पर भी काम करेगी. कैसवेल ने कहा कि भारतीय भाषाओं के ट्रांसलेशन में जो गलतियां होती है उसे गूगल दूर करने पर भी काम कर रहा है.
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