Google Doodle on Republic Day: गणतंत्र दिवस पर गूगल ने बनाया खास डूडल... देश के वन्यजीवन पर आधारित

गूगल डूडल इंफो पोर्टल के अनुसार, गणतंत्र दिवस परेड को दर्शाती यह कलाकृति पुणे के गेस्ट-आर्टिस्ट कलाकार रोहन दाहोत्रे ने बनाई है. परेड में शामिल जानवर भारत के क्षेत्रों की अनूठी विविधता का प्रतीक हैं.

Google Doodle
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 26 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:38 AM IST

गूगल ने भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक विशेष डूडल पेश किया है. इसमें भारतीय वन्यजीव थीम का चित्रण है, जो देश की समृद्ध जैव विविधता को दर्शाता है. भारत के विविध वन्यजीवों से प्रेरित, गूगल डूडल में देश के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले जानवरों को दिखाया गया है, उत्तर में बर्फीले हिमालय से लेकर दक्षिण में पश्चिमी घाट के हरे-भरे वर्षावनों तक. 

गूगल डूडल इंफो पोर्टल के अनुसार, गणतंत्र दिवस परेड को दर्शाती यह कलाकृति पुणे के गेस्ट-आर्टिस्ट कलाकार रोहन दाहोत्रे ने बनाई है. परेड में शामिल जानवर भारत के क्षेत्रों की अनूठी विविधता का प्रतीक हैं. गणतंत्र दिवस समारोह के महत्व को समझाते हुए, गूगल ने एनुअल परेड को हाइलाइट किया, जो इस दिन का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसे व्यापक रूप से देखा जाता है और इसमें भाग लिया जाता है. कर्त्तव्य पथ से इंडिया गेट तक फैली इस परेड में भव्य झांकियां, पूरे भारत से सांस्कृतिक प्रदर्शन और सशस्त्र बलों की टुकड़ियों द्वारा मार्च और फॉर्मेशन शामिल हैं. 

समारोह का समापन 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ होगा. गूगल डूडल, गूगल लोगो के डिजाइन में टेम्पररी बदलाव होता है, जो खास ग्लोबल और लोकल इवेंट्स को सम्मानित करने के लिए बनाया जाता है. 

वन्यजीवन से प्रेरित
कलाकार रोहन दाहोत्रे ने बताया कि उनका गणतंत्र दिवस डूडल भारत की उल्लेखनीय वन्यजीव विविधता से प्रेरित है. उन्होंने देश की समृद्ध जैव विविधता को दर्शाया, जो उत्तर में बर्फीले हिमालयी क्षेत्रों से लेकर दक्षिण में पश्चिमी घाट के हरे-भरे वर्षावनों तक फैली हुई है, जहाँ अभी भी नई प्रजातियां खोजी जा रही हैं. रेगिस्तान, आर्द्रभूमि, घास के मैदान, झीलें और समुद्र सहित भारत के परिदृश्य अद्वितीय वनस्पतियों और जीवों का घर हैं. दाहोत्रे ने बताया कि उनका लक्ष्य न केवल भारत के क्षेत्रों, संस्कृतियों और भौगोलिक सुंदरता को प्रदर्शित करना था, बल्कि एक संदेश भी शेयर करना था 

अपने डूडल के माध्यम से दिए गए संदेश के बारे में दाहोत्रे ने कहा, "पहला संदेश विविधता में एकता बनाए रखने के बारे में है. गणतंत्र दिवस हमें यही सिखाता है - कैसे विभिन्न संस्कृतियों के लोग एक राष्ट्र के लिए एक साथ आते हैं. मेरा मानना ​​है कि इस सिद्धांत को भारत से आगे बढ़कर पूरी दुनिया में लागू किया जाना चाहिए. 21वीं सदी युद्ध के लिए नहीं बल्कि स्वीकृति और शांति के लिए खड़ी होनी चाहिए. सभी देश एक साथ मिलकर अपने मतभेदों को स्वीकार कर सकते हैं और मानवता की बेहतरी के लिए एकजुट हो सकते हैं."

उनका दूसरा संदेश प्रकृति और पारिस्थितिकी के संरक्षण पर केंद्रित है. उनका कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि यह कलाकृति हमारे देश में मौजूद अविश्वसनीय वन्यजीवों के बारे में जागरूकता को प्रेरित करेगी. भारत वास्तव में उपहार है, और इस प्राकृतिक संपदा को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है. धरती सिर्फ इंसानों की नहीं है, और जलवायु परिवर्तन आज की सच्चाई है. ऐसे में, हमें वन्यजीवन के प्रति सचेत रहना चाहिए. 

 

Read more!

RECOMMENDED