देश में बहुत से गरीब और जरूरतमंदों को राहत देते हुए केंद्र ने हाल ही में घोषणा की कि कम से कम दिसंबर 2023 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों के लिए रियायती दरों पर नहीं बल्कि अब मुफ्त राशन दिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अब 80 करोड़ से अधिक लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा. उन्हें दिसंबर 2023 तक खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए एक रुपये का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. सरकार इस पर प्रति वर्ष लगभग 2 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.
अप्रैल 2020 में शुरू हुई थी PMGKAY
यह फैसला 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त होने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) से कुछ दिन पहले आया है. पीएमजीकेएवाई अप्रैल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को राहत देने के लिए शुरू का गई थी. इसके तहत, लगभग 80 करोड़ लोगों को NFSA कोटे से 5 किलो ज्यादा खाद्यान्न निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है.
वर्तमान में, एनएफएसए के तहत आने वाले लाभार्थी 1-3 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान करते हैं. अधिनियम के तहत, प्राथमिकता वाले परिवारों की श्रेणी के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम और अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों के लिए 35 किलोग्राम प्रति परिवार प्रति माह की दर से खाद्यान्न जैसे मोटे अनाज, गेहूं और चावल, क्रमशः एक, दो और तीन रुपए में बांटा जाता है.
सरकार ने हाल ही में कहा था कि 1 जनवरी, 2023 तक लगभग 159 लाख टन गेहूं और 104 लाख टन चावल उपलब्ध होगा, जबकि 1 जनवरी को 138 लाख टन गेहूं और 76 लाख टन चावल के संबंधित बफर मानदंडों की आवश्यकता थी.