रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृन्दावन में देश के पहले ऑल-गर्ल्स सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया और इसे "महिला सशक्तिकरण के इतिहास में एक स्वर्णिम क्षण" बताया. यह संस्थान उन महिला छात्रों के लिए प्रकाश की किरण बनेगा जो मातृभूमि की सेवा के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा रखती हैं.
खोले जाएंगे 100 सैनिक स्कूल
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस संविद गुरुकुलम गर्ल्स सैनिक स्कूल की स्थापना राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में गैर सरकारी संगठनों/निजी/राज्य सरकारी स्कूलों के साथ साझेदारी मोड में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने की पहल के तहत की गई है. इसमें लगभग 870 छात्राएं शिक्षा पा सकेंगी. 100 स्कूलों में से 42 पहले ही खुल चुके हैं. अधिकारियों ने कहा कि इस CBSE एफलिएटेड स्कूल में प्रशिक्षण पूर्व सैनिकों द्वारा दिया जाएगा, और संस्थान में 120 सीटें होंगी.
इस अवसर पर बोलते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, सरकार ने महिलाओं को सशस्त्र बलों में उनका उचित स्थान दिया है, जो वर्षों से उपेक्षित थीं. उन्हें अपने पुरुष समकक्षों की तरह ही राष्ट्र की रक्षा करने का अधिकार है. महिला सशक्तिकरण के इतिहास में यह एक स्वर्णिम क्षण था जब हमने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश को मंजूरी दी. आज हमारी महिलाएं न केवल फाइटर जेट उड़ा रही हैं, बल्कि सीमाओं की सुरक्षा भी कर रही हैं.” उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए.
पायलट प्रोजेक्ट में मिली सफलता
सीएम योगी ने 2018 में सैनिक स्कूल, लखनऊ में छात्राओं का नामांकन शुरू करने की अपनी पहल के बारे में बात की. रक्षा मंत्री ने 2019 में चरणबद्ध तरीके से 2021-22 शैक्षणिक सत्र से सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश को मंजूरी दी थी. मिजोरम में सैनिक स्कूल, छिंगछिप में रक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद यह निर्णय लिया गया. 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने के पीछे का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें बेहतर करियर के अवसर प्रदान करना है.