गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: जानिए क्या है कांग्रेस की kham थ्योरी, जिसपर लगाने जा रही फिर दाव

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 चुनाव में कांग्रेस खाम थ्योरी पर फिर से दाव लगाने जा रही है. यहां हम बता रहे है क्या है खाम थ्योरी है.

Congress kham theory
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:15 AM IST
  • गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस खाम थ्योरी पर लगा रही दाव
  • कांग्रेस ने गुजरात में नेता विपक्ष बनाया दलित

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 को अब 6 महीने से भी कम वक्त बचा हुआ है. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को 99 सीटों पर रोक दिया था. वहीं अब कांग्रेस गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 जीतने के लिए प्रचार प्रसार में लग गई है. इसके साथ ही कांग्रेस अपने ओबीसी वोट बैंक को भी मजबूत करने में लगी हुई है. कहा जा रहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 को जितने के लिए कांग्रेस खाम थ्योरी को एक बार फिर से चुनावी मैदान में लाना शुरू किया है. 

ये है खाम थ्योरी
कांग्रेस की खाम थ्योरी के बारे में कहा जाता है कि इसमें  क्षत्रिय, दलित, आदिवासी और मुस्लिम वोटबेंक को तरफ जोड़कर देखा जाता है. खाम थ्योरी के तहत कांग्रेस अपने परंपरागत वोटबैंक को वापस पाने के लिए प्रचार प्रसार में लगी हुई है. राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर जातिगत राजनीति कर सकती है. हाल ही में कांग्रेस ने अहमदाबाद के ग्रामीण क्षेत्र में ओबीसी सम्मेलन किया. इस सम्मेलन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि जब जब ओबीसी समाज ने नेतृत्व लिया है, और यह समाज इकट्ठा हुआ है तब तब इतिहास बना है. सत्ता में वहीं आया है. 1980 में 141 सीटों के साथ सत्ता पर आए थे 1985 में 182 में से 149 सीटों के साथ कांग्रेस दुबारा से सत्ता में आया था एक बार फिर 1980 और 1985 जैसी ताकत और एकता दिखाने की अब जरूरत है.

गुजरात की सत्ता से 27 साल दूर रही कांग्रेस दोबारा सत्ता में आने के लिए जोर-शोर से प्रचार कर रही है. वहीं गुजरात में जातिगत राजनीति की बात करें तो यहां पर 14 प्रतिशत क्षत्रिय, 8 फीसद दलित, 15 फीसद आदिवासी और 10 फीसद मुस्लिम वोट है. 

नेता विपक्ष बनाया दलित 
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस को खाम थ्योरी अपनाने को लेकर इसलिए भी अटकले लगाई जा रही है क्योकि हाल ही में  कांग्रेस ने नेता विपक्ष को बदला है. कांग्रेस ने पाटीदार परेश धानाणी को हटा कर आदिवासी सुखराम राठवा को बनाया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी चेहरे जगदीश ठाकोर को बनाया है. साथ ही एक बड़े दलित चहरे की कांग्रेस को गुजरात में जरूरत थी उस कमी को भी जिग्नेश मेवानी ने लेकर खत्म कर दिया है. 


 

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