अभी हाल ही कृति सेनन की एक फिल्म आई थी MIMI. फिल्म में कृति हीरोईन बनना चाहती थी, लेकिन गरीब परिवार से ताल्लुक रखने और पैसों की कमी की वजह से उन्हें लगा कि सपना अधूरा ही रह जाएगा, लेकिन कृति के सपने को पंख उस वक्त लगते हैं जब कृति एक फिरंगी जोड़े के बच्चे को अपने कोख में पाल कर पैसे कमाना शुरू किया. दूसरे के बच्चे को अपने कोख में पालने वाली महिला या लड़की को बायोलॉजिकल टर्म में सेरोगेट मदर कहा जाता है. फिल्म में कृति ने काफी उतार चढ़ाव देखे और दुनिया के सामने सेरोगेट मदर बनने का आईडिया रखा. ऐसी ही एक रियल मिमी गुजरात के आणंद ज़िले के बोरसद के गोरवा गाँव की हैं. नाम है भानूबेन वणकर . भानूबेन वणकर दो बार सेरोगेट बन चुकी हैं. अब यही रियल मिमी यानी भानूबेन वणकर गोरवा गाँव की बिना विरोध डिप्टी सरपंच चुनी गई हैं.
भानूबेन वणकर हैं असली मिमी
भानुबेन ने दोनों ही बार ट्विन्स बच्चों को जन्म दिया था. जिस के बाद उनकी ज़िंदगी बदल गयी, महज़ पांचवी कक्षा तक पढ़ाई करने वाली भानूबेन वणकर आज नेनी यानी बच्चों की देखभाल का काम करती हे और महीने के 25/30 हज़ार रुपये कमाती हैं. यहाँ तक की अब तक वो यूरोप अमेरिका जैसे कई देश में भी नेनी का काम कर चुकी हैं. सरपंच चुने जाने पर भानूबेन का कहना है कि उनके गाँव का विकास जिस तरह से होना चाहिए वैसे नहीं हुआ है, इसलिए वो चाहती हैं कि यहाँ गाँव में विकास हो और ख़ास कर महिलाएँ आगे बढ़े और खूब तरक्की करें.
दो बार जुड़वां बच्चों की सेरोगेट मदर बन चुकी हैं भानूबेन
भानूबेन वणकर का बचपना काफी गरीबी में गुज़रा. हालात ऐसे थे की उनके घर पर पैसे ना होने की वजह से वो अपने बच्चों को कई बार भूखा ही सुला देती थी. लेकिन जब आणंद में डॉक्टर नयना बेन से मुलाक़ात हुई तो उन्होंने भानूबेन को सरोगसी के बारे में बताया. भानूबेन वणकर कहती हैं कि "मैंने एक बार नहीं दो बार सरोगरी में जींस वजह से ट्वीन्स बच्चों को जन्म दिया. बच्चों की पैदाइश के बाद डॉक्टर नयना की मदद से मैंने अस्पताल में ही नेनी की ट्रेनिंग ली और में आज नेनी के तौर पर काम करती हूँ. मेरा परिवार भी काफ़ी खुश है.
अब बनी गांव की डेप्टी सरपंच
एक सरपंच के तौर पर भानूबेन कहती हैं कि गांव में विकास और महिलाओं का विकास ही अब मेरी प्राथमिकता है. भानूबेन का कहना है की अगर महिला का विकास होता है तो पूरे घर का विकास होता है बच्चों को भी अच्छा जीवन मिलता हैं . मेरी जिम्मेदारी तो कुछ और ज्यादा है क्योंकि गाँव के लोगों ने बिना किसी विरोध मुझे डिप्टी सरपंच के तौर पर चुना हैं.