क्यों श्रापित माना जाता है मोरबी जिला...हादसों से क्या है इसका गहरा नाता...जानिए इसके पीछे की कहानी

पुरानी लोक कथाएं हैं कि मोरबी में होने वाले हादसे के पीछे एक श्राप है. इससे पहले भी मोरबी में कई ऐसे हादसे हो चुके हैं. यह पुल अपने आप में कई इतिहास समेटे है.

Morbi
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST
  • आधुनिक है पुल
  • राजा को मिला था श्राप

मोरबी (Morbi) भारत के गुजरात राज्य के मोरबी जिले में स्थित एक शहर है. यह जिले का मुख्यालय भी है. मोरबी मच्छु नदी के किनारे बसा हुआ है. इसी मच्छू नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज 30 अक्टूबर को टूट गया जोकि एक बहुत दर्दनाक हादसा था. जिस समय ये हादसा हुआ उस समय पुल पर 500 लोग थे, जो अचानक ही पुल के टूटने से नदी में जा गिरे. इस हादसे में लगभग 140 लोगों की मौत हुई और 70 से अधिक लोग घायल हैं. आजादी से पहले ब्रिटिश शासन में मोरबी ब्रिज बनाया गया था.

मोरबी इससे पहले भी कई आपदाओं का सामना कर चुका है. साल 1979 में यहां बहुत भयानक बाढ़ आई थी. उस समय भी मच्छु बांध टूट गया था. इसके बाद मच्छू नदी के पानी ने पूरे शहर को अपने आगोश में ले लिया. कई सारे मकान गिर गए और कई लोग पानी में डूबकर मर गए. उस हादसे में 1439 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 12 हजार 849 हजार से अधिक पशु भी मौत के शिकार हो गए थे.

आधुनिक है पुल
मोरबी के राजा वाघजी रावजी ने केबल ब्रिज बनवाया था. इसे ब्रिटिश इंजीनियरों ने साल 1979 में बनाया था. पुल के निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया था. इस पुल पर अकसर लोग धूमने आते थे. पुल की लंबाई 765 फुट है और ये 4 फुट चौड़ा है. एतिहासिक होने के कारण इसे गुजरात टूरिज्म की लिस्ट में भी शामिल किया गया था.  पुल का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल्य वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान किया गया था. कहते हैं कि राजा राजमहल से राज दरबार तक इसी पुल के जरिए होकर जाते थे. जब लकड़ी के इस पुल का निर्माण किया गया था तो इसमें यूरोप की सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हुआ था.

वहीं गुजरात के जडेजा राजाओं की तमाम लोककथाओं में मोरबी में होने वाले हादसों को एक श्राप के तौर पर देखा जाता है. इसका जिक्र उनके कई लोक गीतों में भी है.

क्या है कहानी?
एक कथा है कि मोरबी के राजा जीयाजी जडेजा एक औरत की ओर आकर्षित हो गए थे, लेकिन पउस महिला को ये बात पसंद नहीं आई. राजा उसे परेशान करते थे जिसकी वजह से एक दिन महिला ने मच्छू नदी में कूदकर जान दे दी. आउटलुक की एक रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने राजा के डूबने से पहले उन्हें श्राप दे दिया. महिला ने कहा, 'सात पीढ़ियां जायेंगी फिर ना तुम्हारा वंश रहेगा, ना तुम्हारा शहर'. कहा जाता है कि राजा को वो श्राप लग गया और उसी के बाद से उनका वंश खत्म हो गया. साल 1978 में जब ये बांध बना तो जीयाजी के सातवें वंशज मयूरध्वज यूरोप में किसी से लड़ पड़े और उनकी जान चली गई.

 

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