गुरुग्राम नगर निगम (MCG) अब सड़कों के निर्माण के लिए प्लास्टिक कचरे का उपयोग करने की योजना बना रहा है. इन सड़कों पर कम से कम 8% प्लास्टिक कचरे का मिश्रण होगा. सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरे का उपयोग सड़कों को अधिक टिकाऊ बनाया जा सकता है और यह सड़को पर होने वाले गड्ढों होने से रोक सकता है. इस योजना के पीछे नगर निगम का लक्ष्य है कि सड़कों के रखरखाव व लागत को कम करना और सड़कों का जीवनकाल बढ़ाना है.
सड़कों के निर्माण में होगा प्लास्टिक के कचरे का प्रयोग
अधिकारियों ने कहा कि गुरुग्राम नगर निगम अपने इंजीनियरिंग विंग के माध्यम से सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरे के उपयोग के लिए अगले सप्ताह टेंडर जारी करेगा. अधिकारियों ने बताया है कि शुक्रवार को सेक्टर 42 स्थित उनके कार्यालय में बैठक हुई. उन्होने कहा कि उन सड़कों की पहचान कर ली है जिनका निर्माण प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके किया जाएगा.
नगर निगम सड़कों को बनाने के लिए जारी करेगी टेंडर
एमसीजी के ज्वाइंट कमिश्नर नरेश कुमार ने बताया है कि टेंडर जारी करने का फैसला किया है, ताकि काम को जल्द से जल्द किया जाए. नागरिक निकाय टीम को केवल परियोजना की निगरानी करने की आवश्यकता होगी. उन्होंने बताया है कि हमने टीमें बनाईं, जमीनी काम किया और फिर पिछले हफ्ते टेंडर जारी करने का फैसला किया. नई एजेंसी सड़कों के निर्माण में कम से कम 8% प्लास्टिक के कचरे का मिश्रण का प्रयोग करेगी.
सड़कों के जीवनकाल में होगी बढ़ोत्तरी
अधिकारियों ने कहा कि सड़कों के लिए प्लास्टिक कचरे का उपयोग का दीर्घकालिक लाभ के लिए शहर के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर इसका परीक्षण किया था. इसी बात को ध्यान में रखते हुए एमसीजी ने रखरखाव लागत को कम करने और सड़कों के जीवनकाल को बढ़ाने के लिए सभी शहर की सड़कों पर इसे दोहराने पर विचार कर रहा है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक सड़क की तुलना में प्लास्टिक की सड़क का औसत जीवनकाल 8 से 10 साल होता है और सामान्य तरीके से बनाई गई सड़क का जीवनकाल समय पांच से छह साल होता है.
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