नौकरी के लिए गई युवती को ओमान में बनाया बंदी, भारतीय बेटी की मदद के लिए आगे आए हरभजन सिंह..यूं किया मदद

Harbhajan SIngh: नौकरी की तलाश में विदेश गई पंजाब के बठिंडा में रहने वाली कमलजीत कौर को अवैध तरीके से बंधक बना लिया गया. जिसके बाद 21 साल की कमलजीत ने उनके चंगुल से बचने के लिए काफी हिम्मत दिखाई. हरभजन सिहं के पास जैसे ही ये खबर पहुंची तो उन्होंने बिना लेट किए इस भारतीय बेटी की मदद की. हरभजन ने कमलजीत को सही सलामत भारत वापस लाने में काफी सहयोग किया.

Harbhajan Singh ( File Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने ओमान में फंसी 21 साल की कमलजीत कौर को अपने परिवार से मिलवाने में बहुत बड़ी मदद की. बता दें कि ओमान (Oman) के मस्कट (Muscat) में पंजाब की रहने वाली कमलजीत कौर को वहां कुछ लोगों ने बंधक बनाकर रख लिया. दरअसल, कमलजीत अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए विदेश में नौकरी करने गई थी. जहां उसे अवैध तरीके से बंधक बनाकर रखा गया और साथ ही उसका पासपोर्ट, सिम कार्ड भी छीन लिया गया.आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य हरभजन सिंह ने यह खबर मिलने के बाद 21 वर्षीय कमलजीत कौर को उन लोगों से बचाने और घर पहुंचाने में बहुत मदद की.

नौकरी की तलाश में गई थी विदेश

पंजाब के बठिंडा में रहने वाली कमलजीत कौर अच्छी नौकरी की तलाश में विदेश गई थी. कमलजीत को ओमान में काम करने के लिए एक भारतीय परिवार में भेजने का वादा किया गया था. लेकिन उसे हवाई अड्डे से सीधे किसी दफ्तर ले जाया गया. कमलजीत कौर ने बताया कि उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और वह तीन भाई-बहन हैं. तीनों में सबसे बड़ी होने के नाते वह अपने पिता की मदद करना चाहती थी. इस वजह से वह एक स्थानीय एजेंट जगसीर सिंह नाम के आदमी के पास गई, जहां उन्होंने कमलजीत को ओमान में एक हिंदी बोलने वाले परिवार में रसोइया की नौकरी दिलाने का वादा किया था.

कमलजीत आगे बताती हैं कि पिछले महीने मस्कट के लिए पंजाब से रवाना हुई. उन्हें स्थानीय एजेंट ने कहा कि अगर उसने वहां पहुंचकर अच्छे तरीके से काम किया तो उसे सिंगापुर या ऑस्ट्रेलिया में काम दिया जाएगा. जहां बड़ी संख्या में पंजाबी लोग रहते हैं. जब 21 वर्षीय कमलजीत मस्कट हवाई अड्डे से बाहर निकली, तो उसे अच्छा महसूस नहीं हो रहा था. उसे हवाई अड्डे से सीधा एक दफ्तर ले जाया गया, जहां उसे बुरका पहनने और अरबी भाषा सीखने को मजबूर किया गया और वह कोई भारतीय परिवार का घर नहीं था. उनका पासपोर्ट, सिम कार्ड भी छीन लिया गया.

बहादुरी का दिया परिचय

कमलजीत ने बहुत बहादुरी और साहस दिखाकर वहां नया सिम कार्ड खरीदा और अपने परिवार से बात की और सारी बात बता दी. सीम का पता लगने के बाद उसे पीटा भी गया. फोन पर बात करने के बाद लड़की के पिता सिकंदर सिंह ने उसी स्थानीय एजेंट जगसीर से संपर्क किया और अपनी बेटी को वापस लाने को कहा. जिसके लिए एजेंट ने पासपोर्ट छुड़वाने के लिए उनसे ढाई लाख रुपये की मांग की. पिता ने अपना घर गिरवी रखकर स्थानीय एजेंट को ढाई लाख रुपये दिए. बाद में लड़की के चाचा ने स्थानीय आप नेता से संपर्क किया और फिर हरभजन सिंह से मदद मांगी. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य हरभजन सिंह ने ओमान में भारतीय दूतावास(Indian Embassy) से कमलजीत के बारे में बात की, जिसके बाद कमलजीत हरभजन सिंह की मदद से अपने परिवार से मिल सकी.

ट्विटर पर बताई पूरी घटना

इस घटना के बारे में हरभजन सिंह ने ट्वीट भी किया.उन्होंने लिखा, विदेश में बंदी बनी इस बच्ची की मदद करना मेरा एक सांसद के सदस्य रूप में नहीं, यह मेरा एक भारतीय नागरिक होने के नाते भी कर्तव्य था. वह भारत सरकार और ओमान में स्थित भारतीय दूतावास(Indian Embassy) को धन्यवाद करना चाहते हैं कि उन्होंने कमलजीत को सही सलामत भारत वापस लाने में सहयोग किया.

परिवार है हरभजन सिंह का आभारी

कमलजीत के पिता सिकंदर सिंह ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह का शुक्रिया अदा किया. मीडिया से बात करते हुए उनके पिता ने कहा कि हरभजन सिंह जी की मदद से उनकी बेटी घर वापस लौट सकी है. उन्हें एक समय तो ऐसा लगा कि वह अब कभी अपनी बेटी से दोबारा नहीं मिल सकेंगे. हरभजन सिंह के एक फोन से मुझे बहुत हेल्प मिली और बाद में उन्हें इंडियन एम्बेसी से बेटी को घर भिजवाने का कॉल आया. कमलजीत को 3 सितंबर को फ्लाइट से भारत वापस भेजा गया और उन्हें उनका पासपोर्ट और सिम कार्ड दे दिया गया.

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