कोरोना की तीसरी लहर भारत में दस्तक देने को तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश के हर नागरिक का टिकाकरण जल्द से जल्द हो जाए. प्रधानमंत्री के सपने को साकार करते नजर आ रहे हैं राजस्थान के बाड़मेर जिले के हेल्थ वर्कर्स. कोरोना वैक्सीन की डोज दूरदराज के इलाकों में लोगों को लगाने के लिए संसाधन पहुंच नहीं सकते हैं, इसीलिए ऊंट पर सवार होकर हेल्थ वर्कर्स वेक्सीन लगाते नजर आ रहे हैं. इस बात की तारीफ स्वास्थ्य मंत्री से लेकर जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी की है कि किस तरीके से अंतिम गांव में वैक्सीन को विषम परिस्थितियों में भी पहुंचाया जा रहा है.
ऊंट पर सवार होकर गांव-गांव जा रहे हेल्थ वर्कर
जानकारी के अनुसार हेल्थ वर्कर्स ऊंट पर सवार होकर वैक्सीन लगाने के लिए रेगिस्तान के गावों में जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडविया ने इन हेल्थ वर्करों की प्रशंसा करते हुए एक तस्वीर शेयर की है. यह तस्वीर बाड़मेर जिले के अंतिम गांव सुंदरा की बताई जा रही है. जिसमें सीमा से सटे दूरदराज की गावों में ना तो सड़क है ना ही जाने का कोई और साधन है. मकसद साफ है कि किसी भी तरीके से कोई व्यक्ति पीछे न छूट जाए.
वैक्सीनेशन है जरूरी
ANM मुकेश मीणा के बताया कि जहां पर उनकी पोस्टिंग है वहां पर दूर-दराज जाने के लिए कोई संसाधन नहीं है. इसीलिए कोरोनावायरस टीका लगाने के लिए ऊंट पर सवार होकर जाना पड़ता है. दूरदराज ग्रामीण इलाकों में आज भी टीके को लेकर कई तरीके की भ्रांतियां है. लेकिन उन सबको समझा कर वैक्सीन लगाना काफी जरूरी है. ताकि वैक्सीन कोई भी की वैक्सीनेशन वंचित न रह जाए.
16 लाख लोगों का वैक्सीनेशन
सीएमएचओ डॉक्टर बाबूलाल बिश्नोई के अनुसार बाड़मेर जिले में अब तक 16 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. बॉर्डर में दूरदराज के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर सड़क की सुविधा नहीं है. बस या गाड़ी जाना संभव नहीं है. वहां पर रेगिस्तान में हमारी हेल्थ वर्कर ऊंट पर सवार होकर लोगों को वैक्सीन लगाने में जुटे हैं.
कोरोना पर प्रहार है ये पहल
यकीनन एक तरफ देश में तीसरी लहर की आहट है लेकिन इस तरीके की तस्वीरें यह साफ तौर पर बताती है कि आबादी के अंतिम पड़ाव पर भी हेल्थ वर्कर्स विषम परिस्थितियों में जाकर लोगों को वैक्सीन लगाते नजर आ रहे हैं. इन हेल्थ वर्कर्स की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है, क्योंकि इन इलाकों में दूरदराज पानी की एक बूंद तक नसीब नहीं होती है.