दिल्ली के उपभोक्ताओं को बिजली बिल (Electricity bill) में पावर पर्चेज एडजस्टमेंट चार्ज यानी PPAC चार्ज का भी भुगतान करना होता है. अब बिजली कंज्यूमर्स को झटका लगने वाला है क्योंकि बिजली वितरण कंपनियां पावर पर्चेज एडजस्टमेंट चार्ज (PPAC) करीब 8% तक बढ़ाने जा रही हैं. इससे बिजली के दाम बढ़ जाएंगे, यानि 1 मई से जो बिजली आपने खर्च की है उसमें ये बढ़ा हुआ दाम जुड़ेगा तो जुलाई में आने वाले बिल में पीपीएसी बढ़कर लगा आएगा. यानि जुलाई में आ रहे बिलों में ये बढ़ोतरी दिखेगी. ये बढ़ोत्तरी 3 महीने तक रहेगी.
बीजेपी ने आप पर साधा निशाना
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि PPAC में 8.75% की बढ़ोतरी मई से जुलाई तक की है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि दिल्ली सरकार ने बिजली आवश्यकता को लेकर कोई Summer Action Plan नहीं बनाया है. कहीं से गर्मी में बिजली खरीदने का कोई इंतजाम नहीं किया. अप्रैल 2024 में जब गर्मी पीक पर पहुंची बिजली कटौती होने लगी. केजरीवाल सरकार के कहने से BSES Rajdhani ने एक पत्र इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के सचिव को लिखा कि हम PPAC में 8.75% की वृद्धि कर रहे हैं जो कि मई से जुलाई 2024 तक होगा.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड PPAC में वृद्धि करने की अनुमति देने की स्थिति में नहीं है और ना ही उसने वृद्धि की अनुमति दी है. सरकार एवं बिजली कंपनियों ने सांठगांठ की और 8.75 बढ़ा कर PPAC 43.79% कर दिया है जिससे बिजली उपभोक्ताओं के बिल बढ़ रहे हैं.
पूर्वी, सेंट्रल, दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली होगी प्रभावित
पीपीएसी में 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी BYPL के इलाकों में 6.15% और BRPL एरिया में 8.75% की होगी. BYPL के इलाके में पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली के हिस्से आते हैं. वहीं, BRPL के इलाके में दक्षिणी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के इलाके आते हैं.
मंत्री आतिशी ने लगाए बीजेपी पर आरोप
पीपीएसी में बढ़ोत्तरी होने पर राजनीति भी शुरू हो गई है. दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने बीजेपी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. और दावा किया कि DERC के क्लीयर ऑर्डर हैं कि PPAC चार्ज नहीं बढ़ाया जा सकता है. लेकिन डिस्कॉम के पास यह प्रावधान है कि गर्मियों में खास तौर पर जब पीक पावर डिमांड होता है और जब उन्हें महंगे दाम पर बिजली खरीदनी पड़ती है, उस दौरान शॉर्ट टाइम के लिए वे 7% तक PPAC बढ़ा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि यह केवल उस दौरान के लिए लागू रहता है जब उन्होंने महंगी बिजली खरीदी हो. उन्होंने कहा कि यह प्रावधान पिछले दस साल से लागू होता रहा है. अक्सर गर्मियों में जब पीक पावर डिमांड होता है, डिस्कॉम कंपनियां 7 फीसदी तक PPAC बढ़ाती रही हैं. दिल्ली सरकार ने बिजली के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं, मैं भाजपा से अपील करूंगी कि भ्रम ना फैलाएं.
-राम किंकर सिंह की रिपोर्ट