भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), या जिसे आमतौर पर कांग्रेस कहा जाता है, भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक है. वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस है. साल 1885 में आज ही के दिन यानी 28 दिसंबर को कांग्रेस की स्थापना हुई थी. इस साल देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपना 138वां स्थापना दिवस मना रही है.
कांग्रेस भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और आधुनिक भारत के विकास में सहायक थी. इसकी स्थापना ब्रिटिश भारत में शिक्षित भारतीयों के एक समूह द्वारा की गई थी जो राष्ट्रवाद और लोकतंत्र के आदर्शों से प्रेरित थे. कांग्रेस के संस्थापकों में एलन ऑक्टेवियन ह्यूम, दादाभाई नौरोजी और दिनशॉ वाचा शामिल थे.
भारतीयों के लिए प्रतिनिधित्व की मांग
कांग्रेस का गठन भारतीय राष्ट्रवादियों के लिए एक मंच के रूप में किया गया था ताकि वे अधिक से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व और भारतीयों के लिए अधिक अधिकारों की मांग कर सकें. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पार्टी ने अहिंसा के सिद्धांत को बरकरार रखा और सुधार की मांग के संवैधानिक साधनों पर ध्यान केंद्रित किया.
पार्टी के पहले अध्यक्ष वोमेश चुंदर बनर्जी थे, जो पेशे से वकील थे. कांग्रेस ने 28 दिसंबर, 1885 को बंबई (अब मुंबई) में अपना पहला अधिवेशन आयोजित किया, जिसमें 72 प्रतिनिधि उपस्थित थे. पार्टी ने शुरू में किसानों और श्रमिकों के जीवन में सुधार, शिक्षा और सामाजिक सुधार को बढ़ावा देने और भारतीयों के लिए अधिक से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व की मांग जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया.
कांग्रेस ने जगाई स्वदेशी की भावना
समय के साथ जैसे-जैसे कांग्रेस का आकार और प्रभाव बढ़ता गया, यह भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन गई. पार्टी ने वार्षिक सत्र आयोजित किए, जिसमें पूरे देश के हजारों प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इन सत्रों का उपयोग पार्टी की नीतियों पर चर्चा करने और तैयार करने और अपने नेताओं का चुनाव करने के लिए किया जाता था.
कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ब्रिटिश शासन के खिलाफ बहिष्कार और अभियान का नेतृत्व किया. कांग्रेस का नेतृत्व महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल सहित कई बड़ी हस्तियों ने किया था. इन नेताओं ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के अपने अंतिम लक्ष्य की ओर पार्टी और स्वतंत्रता आंदोलन का मार्गदर्शन करने में मदद की.
आजादी के बाद 17 बार लड़ा जनरल इलेक्शन
1947 में भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने में कांग्रेस का महत्वपूर्ण योगदान था और इसने देश के राजनीतिक परिदृश्य में केंद्रीय भूमिका निभाना जारी रखा है. आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस ने 17 बाद जनरल इलेक्शन लड़ा है. जिसमें से 7 बार पार्टी पूरे बहुमत से आई और 3 बार गठबंधन में.
कांग्रेस ने लगभग 6 दशकों तक भारत पर शासन किया जो इस बात का प्रमाण है कि उसे जनता का कितना प्यार और विश्वास प्राप्त था. हालांकि, आज पार्टी लोकसभा में मात्र 52 सांसदों पर सिमट कर रह गई है.