जाति आधारित जनगणना पर गृह मंत्रालय ने दिया लोक सभा को जवाब, कोविड-19 महामारी को बताया कारण

लिखित जवाब में यह भी कहा गया है कि जनगणना 2021 करवाने की सरकार की मंशा को 28 मार्च 2019 को भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचित किया गया था, पर क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण जनगणना गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है, अभी जनगणना स्थगित चल रही है.

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जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST

केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में डॉ. थोल थिरूमावलवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी कि आजादी के बाद से देश में जनगणना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातिवार गणना नहीं की गई है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह बात इस सवाल के जवाब में कि क्या सरकार वंचितों को सामाजिक और आर्थिक स्तर पर ऊपर उठाने के लिये जातिवार गणना करने की कोई योजना है, कहा.

SC/ST के अलावा आज़ादी के बाद से अन्य जातिवार जनगणना नहीं किया गया है. सिर्फ SC/ ST की ही जातिवार जनगणना हो रही है. बाकी जातियों की जनगणना को लेकर के लोकसभा के लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कोई जानकारी नहीं दी है. इसके साथ ही लिखित जवाब में यह भी कहा गया है कि जनगणना 2021 करवाने की सरकार की मंशा को 28 मार्च 2019 को भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचित किया गया था, पर क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण जनगणना गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है, अभी जनगणना स्थगित चल रही है.

केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि समय-समय पर जातियों एवं जनजातियों को संविधान अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 और संशोधित (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के रूप में चिन्हित किया जाता है. दस साल में होने वाले  हर जनगणना में विशेष रूप से इनकी गिनती की जाती है.


 

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