देश की राजधानी में कोरोना संक्रमण की लगातार बढ़ती रफ्तार से सरकार की चिंता बढ़ गयी है. हालांकि राहत की बात ये है कि अस्पतालों में मरीजों की संख्या, होम आइसोलेशन में इलाजरत मरीजों की संख्या से कम है. ऐसे में घर के भीतर कोरोना से जंग लड़ रहे मरीजों तक दिल्ली सरकार दवाइयां और ऑक्सीमीटर के अलावा जरूरी सामान की किट पहुंचा रही है. दिल्ली के सभी 11 जिलों में स्वास्थ्य विभाग और रेवेन्यू विभाग की टीम साथ मिलकर होम आइसोलेशन मैनेजमेंट को संभालती है. इसमें खास तौर पर मेडिकल स्टाफ, आंगनबाड़ी वर्कर्स और सिविल डिफेंस वोलेंटियर्स की अहम भूमिका होती है.
कोरोना मरीज़ के घर तक दवाइयां और किट कैसे पहुंचती है ये जानने के लिए GNT की टीम ने साउथ दिल्ली जिले के ग्रेटर कैलाश विधानसभा में सरकारी डिस्पेंसरी से अपना सफर शुरू किया. चिराग दिल्ली की सरकारी डिस्पेंसरी में तैनात एक खास टीम आसपास के इलाकों में होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे मरीजों का सुबह से शाम तक ख़्याल रखती है और इमरजेंसी कॉल आने पर फोन पर भी उपलब्ध रहती है.
मरीज के लिए तैयार किट में ब्लीचिंग पाउडर भी रखा जाता है
डिस्पेंसरी के फॉर्मेसी रूम में होम आइसोलेशन में इलाजरत कोरोना मरीज के लिए एक किट तैयार की जाती है. डिस्पेंसरी की इंचार्ज डॉ नमिता ने बताया कि कोरोना मरीजों का डेटा मिलने के बाद एक किट में पैरासिटामॉल, विटामिन सी, मल्टीविटामिन दवाएं रखी जाती हैं. साथ ही, किट में ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर भी मुहैया कराया जाता है. किट में सबसे अहम ब्लीचिंग पाउडर भी है जिसका इस्तेमाल पानी मे घोलकर मास्क और फेंकने वाले सामान पर छिड़काव के लिए किया जाता है.
टीचर्स भी कर रहे मदद
दिल्ली सरकार की डिस्पेंसरी में टीचर्स भी होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का ख़्याल रखने में मदद कर रहे हैं. सरकारी स्कूल में टीचर आकाश और महेंद्र पिछले एक साल से होम आइसोलेशन के मरीजों को कॉल कर उनका हालचाल पूछने की ड्यूटी कर रहे हैं. 5 टीचर्स की टीम साउथ दिल्ली में रोजना 500 कॉल्स तक करती है. आकाश ने बताया कि अक्सर कॉल करने पर दवाइयों और ऑक्सीमीटर की मांग जाती है. इस मांग को डॉक्टर को बताया जाता है और फिर सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स घर जाकर सामान मरीज के केयर टेकर को सौंप देते हैं.
रोजाना मरीज को कॉल कर तबियत पूछी जाती
टीचर्स की मदद करने के लिए एक सिविल डिफेंस वॉलेंटियर भी लैपटॉप पर सारी जानकारी को इकट्ठा करता है. सिविल डिफेंस वॉलेंटियर फरहान ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले दिन से होम आइसोलेशन से छुट्टी तक रोजाना मरीज को कॉल कर तबियत पूछी जाती है और मरीज की सेहत से जुड़ी सभी डिटेल को लैपटॉप में दर्ज किया जाता है. दिल्ली सरकार ने हर जिले में सर्विलांस ऑफिसर नियुक्त किया है. साउथ दिल्ली की सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर आराधना ने बताया कि कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद होम आइसोलेशन में इलाजरत मरीज़ से एक अंडरटेकिंग फॉर्म पर हस्ताक्षर करवाये जाते हैं जिसमें लिखा होता है मरीज कोरोना के तमाम प्रोटोकॉल फॉलो करेंगे.
सिविल डिफेंस वॉलेंटियर और आशा वर्कर की टीम मरीज के घर जाती
डिस्पेंसरी में दवाइयों और ऑक्सीमीटर से लैस किट तैयार होने के बाद एक सिविल डिफेंस वॉलेंटियर और एक आशा वर्कर की टीम कोरोना मरीज के घर जाती है. 'गुड न्यूज टुडे' की टीम ने 2 सदस्यीय इस टीम के साथ होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे मरीज के घर तक जाने और किट देने तक की प्रक्रिया में हिस्सा लिया. डॉक्टर आराधना ने बताया कि दवाइयों की किट पहुंचाने वाली टीम कोरोना मरीज की केयर करने वाले सदस्य से मिलती है और इस दौरान होम आइसोलेशन के नियम भी समझाएं जाते हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने 65 डॉक्टर की एक अलग टीम सिर्फ टेली कंसल्टेंसी के लिए तैनात की है. ये डॉक्टर्स की टीम 4 शिफ्ट में 24 घंटे काम करती है और होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे मरीजों को इलाज बताने के अलावा कोरोना से जुड़े तमाम सवालों का जवाब भी देती है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने होम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीजों के लिए ऑनलाइन योग की सुविधा देने का एलान भी किया है.
(रिपोर्ट - पंकज जैन)