Governor: नियुक्ति से लेकर अधिकार तक... राज्यपाल के बारे में सबकुछ जानिए

संविधान के अनुच्छेद 200 के मुताबिक राज्यपाल को किसी बिल को स्वीकृत करने या रोकने की शक्ति है. इस अनुच्छेद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है. उन्हें मंत्रिपरिषद की मदद और उनकी सलाह पर ही कार्रवाई करनी होती है.

R. N. Ravi
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के 10 महत्वपूर्ण बिलों को मंजूरी देने से रोकने को अवैध और मनमाना करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल का यह कदम संविधान के खिलाफ था और इसे रद्द किया जाता है. इन बिलों को उस तारीख से मंजूरी दी जाएगी, जब इन्हें गवर्नर के पास फिर से भेजा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने एक टाइमलाइन भी तय की है, जिसके तहत अब राज्यपालों को विधानसभा से पारित विधेयकों पर निश्चित समय के भीतर फैसला लेना होगा. तमिलनाडु में राज्यपाल के इस मसले के बीच हम आपको बताते हैं कि राज्यपाल की नियुक्ति कैसे होती है? इनके पास क्या अधिकार होते हैं?

कैसे होती है राज्यपाल की नियुक्ति-
राज्यपाल की नियुक्त का जिक्र संविधान में हैं. संविधान के आर्टिकल 153 में बताया गया है कि हर सूबे में एक राज्यपाल होगा. एक व्यक्ति को 2 या 2 से अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है. राज्यपाल को राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं. आर्टिकल 155 के मुताबिक राज्यपाल को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और मुहर के तहत वारंट से नियुक्त किया जाएगा.

अधिकतम 5 साल का होता है कार्यकाल-
राज्यपाल का कार्यकाल 5 साल का होता है. अगर राष्ट्रपति चाहें तो कार्यकाल पूरा होने से पहले भी हटा सकते हैं. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की सलाह पर राष्ट्रपति राज्यपाल को बर्खास्त कर सकते हैं. इसके अलावा अगर राज्यपाल खुद इस्तीफा दे दें तो उनका कार्यकाल खत्म हो जाता है.

कौन बन सकता है राज्यपाल-
राज्यपाल की नियुक्ति के लिए कुछ जरूरी योग्यता होनी चाहिए. इसका जिक्र संविधान में है. संविधान के आर्टिकल 157     और 158 में इन शर्तों को निर्धारित किया गया है. चलिए आपको बताते हैं कि राज्यपाल बनने के लिए क्या-क्या योग्यता होनी चाहिए.

  • वह भारत का नागरिक हो
  • वह 35 साल की उम्र पूरी कर चुका हो
  • वह संसद के दोनों सदनों और विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए
  • वह लाभ का कोई पद धारण न करता हो

राज्यपाल का क्या होता है काम-
राज्यपाल राज्य का कार्यकारी प्रमुख होता है और केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर काम करता है. राज्यपाल मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्य के महाधिवक्ता, राज्य के लोक सेवा आयोग के सदस्य, हाई कोर्ट के जज और जिला न्यायाधीश की नियुक्ति करता है. राज्यपाल सूबे के विश्वविद्यालयों का पदेन कुलाधिपति होता है.

राज्यपाल के पास क्या हैं अधिकार-
संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल को क्षमादान का अधिकार होता है. राज्यपाल किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए कैदी की सजा को माफ कर सकते हैं, राहत दे सकते हैं. आर्टिकल 200 के मुताबिक राज्यपाल किसी बिल को स्वीकृत करने/आरक्षित करने की शक्ति है. इसी आर्टिकल की शक्तियों को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है. उन्हें मंत्रिपरिषद की मदद और उनकी सलाह पर ही कार्रवाई करनी होती है.

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