अक्सर हम लोग बैंक या किसी कंपनी के कस्टमर केयर नंबर के लिए सर्च इंजन का सहारा लेते हैं. कई लोग ये भी मानते हैं कि गूगल पर सर्च करने पर जो नंबर सबसे ऊपर आता है वो ही सही नंबर होता है. लेकिन ये तरीका अब खतरनाक साबित हो सकता है. साइबर ठगों नो बड़ी-बड़ी कंपनी और बैंक के नाम पर सर्च इंजन में अपना नंबर डाल दिया है. मतलब जिस नंबर को आप कस्टमर केयर का नंबर समझ रहे हैं वो साइबर ठगों का हो सकता हैं और आप उनके शिकार हो सकते हैं.
'ऐसे करता है काम'
यूपी साइबर क्राइम के एसपी त्रिवेणी सिंह बताते हैं कि साइबर ठगों ने बड़े-बड़े बैंक और कंपनी के कस्टमर केयर के नाम पर अपना नंबर डाल दिया ये ठग किसी भी सर्च इंजन या सोशल प्लेटफॉर्म को अपना नंबर विज्ञापन के नाम पर देते हैं और उन्हें उस विज्ञापन के लिए पैसे भी देते हैं. एडवर्टाइजमेंट के नाम पर सर्च इंजन उनके नंबर को सबसे ऊपर दिखाता है लेकिन आम लोग उसी नंबर को सही नंबर मान कर उस पर फोन कर देते हैं और फिर अपने बैंक डिटेल साझा कर ठगी का शिकार हो जाते हैं. इसी तरह साइबर ठग बड़ी बड़ी कंपनी में जॉब ऑफर यानी नौकरी दिलाने के नाम पर भी ठगी करते हैं. जब भी लोग गूगल पर पाक्ट टाइम जॉब या नौकरी ढूंढते हैं तो सबसे ऊपर आने वाले नंबर साइबर ठगों के हो सकते हैं.
'कैसे बचें'
यूपी साइबर क्राइम के एसपी त्रिवेणी सिंह बताते हैं कि मौजूदा वक्त में इस तरह के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं. अब तक हजारो लोग इस तरह सो साइबर ठगों का शिकार हो चुके हैं. त्रिवेणी सिंह कहते हैं कि अगर आप नौकरी या बैंक से संबंधित कोई सर्च करते हैं तो कभी भी उस लिंक पर क्लिक न करें जिसके नीचे AD यानी एडवरटीजमेंट लिखा होता है. हमेशा कंपनी या बैंक की वेबसाइट पर जाएं. त्रिवेणी सिंह जी ये भी कहते हैं कि आजकल पेज स्पूफिंग भी बहुत ज्यादा हो रही है, इसलिए हमेशा बैंक या कंपनी के नाम की स्पोलिंग ठीक तरीके से याद रखें. इस बात का भी ख्याल रखें कि कभी भी बड़ी कंपनी या बैंक का कस्टमर केयर नंबर मोबाइल नंबर नहीं होता.
'ठगी हो जाए तो क्या करें'
त्रिवेणी सिंह कहते हैं कि अगर किसी के साथ ठगी हो जाए तो उसे सबसे पहले टाइम का ख्याल रखना होता है. ठगी के बाद के कुछ घंटे गोल्डेन आवर्स होते हैं यानी वो टाइम जब आपके एकाउंट से पैसा निकलने के बाद भी उस पैसे को रिकवर किया जा सकता है. ठगी होने के बाद तुरंत शिकायत करने के लिए ये तरीके अपना सकते हैं-
1. 1930 पर कॉल कर सकते हैं. साइबर क्राइम को रिपोर्ट करने के लिए ये एक डेडीकेटेड कंप्लेन नंबर है. 1930 पर कॉल सीधे लखनऊ में कनेक्ट होती है.
2. 112 में कॉल करिए और कहिए कि साइबर हेल्प डेस्क से बात करवा दीजिए. फिर वहां पूरी जानकारी दीजिए.
3. थाने जाकर भी शिकायत कर सकते हैं. सभी थानों में अलग से साइबर डेस्क बनाया गया है.
4. www.cybercrime.gov in पर भी शिकायत कर सकते हैं.
'ढेढ़ साल में लोगों का 9 करोड़ बचाया'
त्रिवेणी सिंह यूपी साइबर क्राइम के एसपी हैं. वो बतातें हैं कि पिछले डेढ़ साल में हमने 9 करोड़ से ज्यादा लोगों का पैसा बचाया है. त्रिवेणी सिंह कहते हैं कि साइबर ठगों पर नकेल कसने के लिए पूरे यूपी में 18 साइबर क्राइम थाने बनाए गए हैं. हर रेंज में एक थाना बनाया गया है. हम लगातार लोगों को जागरुक करने की कोशिश भी करते रहते हैं. लोग थोड़ी सी समझदारी से काम करें तो साइबर ठगी से बच सकते हैं.