इंडियन प्रीमियर लीग 2025 (IPL 2025) के दौरान टिकटों की बढ़ती मांग के बीच साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं. हाल ही में कोलकाता की एक महिला को ऑनलाइन टिकट बुकिंग के नाम पर ₹12,000 की ठगी का शिकार होना पड़ा.
महिला ने इंस्टाग्राम पर एक विज्ञापन देखा जिसमें सस्ते टिकटों का ऑफर था. उसने उस विज्ञापन पर क्लिक किया और टिकट बुक करने के लिए संपर्क किया. महिला से टिकट के दाम का कुल 30% भुगतान करने के लिए कहा गया. भुगतान करने के बाद उसे एक कन्फर्मेशन मेल मिला जिसमें बची हुई राशि देने के लिए कहा गया. महिला ने जैसे ही पूरी राशि का भुगतान किया, उसे हर चैनल पर ब्लॉक कर दिया गया.
पुलिस की चेतावनी
कोलकाता पुलिस ने इस मामले में गिरीश पार्क पुलिस स्टेशन और साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज की है. पुलिस की जांच में यह पता चला कि पीड़ित महिला ने जो ₹12,000 का भुगतान किया है, वह एक प्राइवेट बैंक अकाउंट में क्रेडिट हुआ. पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और केवल आधिकारिक वेबसाइट से टिकट खरीदने की सलाह दी है. गृह मंत्रालय ने भी साइबर ठगी से बचने के लिए अडवाइजरी जारी की है.
साइबर ठगों के तरीके
साइबर ठग नकली वेबसाइट और सोशल मीडिया विज्ञापनों के जरिए लोगों को ठग रहे हैं. वे आईपीएल के आधिकारिक वेबसाइट जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट और ऐप बनाकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं.
फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी ऑफर देकर सस्ते टिकट बेचने का दावा करते हैं. लोग जब आईपीएल टिकट बुकिंग से जुड़ी जानकारी खोजते हैं तो गूगल पर जालसाजों के फर्जी हेल्प लाइन नंबर दिख जाते हैं और कॉल करने पर ये ठग पीड़ित से यूपीआई या बैंक डीटेल्स मांगकर अकाउंट खाली कर देते हैं.
सतर्कता ही है बचाव
आईपीएल टिकट बुकिंग के नाम पर ठगी करने वाले जालसाज अलग-अलग तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि साइबर ठग कैसे करते हैं ठगी. टिकट खरीदने के लिए सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें. ब्लैक मार्केट या अनऑफिशियल सोर्स से टिकट न खरीदे.
अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचे. यदि किसी ऑफर में ज्यादा सस्ता टिकट मिल रहा हो तो सावधान रहें. ऑनलाइन भुगतान करते समय वेबसाइट के यूआरएल को चेक करें. फर्जी वेबसाइटों में स्पेलिंग में अंतर हो सकता है. टिकट खरीदने के बाद उसका क्यूआर कोड या बार कोड जरूर चेक करें. टिकट खरीदने के बजाय उसका कन्फर्मेशन ईमेल या एसएमएस सुरक्षित रखें. साइबर अपराध से जुड़ी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस में शिकायत करें.
साइबर ठगी से बचने के उपाय
हम सबको इंटरनेट पर पूरा भरोसा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि यह भरोसा कितना महंगा साबित हो सकता है? इंटरनेट पर किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता. आपको पहले चेक करना पड़ेगा. अगर इंस्टाग्राम पर कोई भी रैंड पेज आपको स्टोरी दिखा रहा है कि आपको आईपीएल की टिकट मिल जाएगी, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह सच में आपको आईपीएल की टिकट दे देगा.
कुछ ना कुछ पुख्ता प्रूफ होने चाहिए, सोर्स सच्चा होना चाहिए. अगर आप उलटे-सीधे सोर्सेज से सोचेंगे, मैं टिकट खरीद लूं, मैं कोई ऐप इंस्टॉल कर लूं या कुछ भी खरीद लूं तो कहीं ना कहीं नुकसान होने के चांस ज्यादा हैं. आईपीएल के दौरान टिकट खरीदने वालों को ठगों का सबसे आसान शिकार माना जाता है. हर साल हजारों लोग फर्जी टिकटों के चक्कर में लाखों रुपए गवा देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप सतर्क रहें और किसी ऑफर के झांसे में ना आएं और दूसरों को भी सतर्क करें.