ईद-उल-अधा इस्लाम के सबसे बड़े पर्वों में शामिल है. इसे बकरा ईद, बकरीद, बखरीद, ईद कुर्बान, क़ुर्बान बयारमी या बलिदान का पर्व भी कहा जाता है. संयुक्त अरब अमीरात, गल्फ कंट्रीज, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में आज जबकि भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में गुरुवार 29 जून यानी कल बकरीद मनाई जाएगी. अगर आप Eid-ul-Adha के दौरान किसी से मिलते हैं तो ईद मुबारक या हैप्पी ईद कहकर विश करते हैं. ये शुभकामनाएं व्यक्त करने का पारंपरिक तरीका है. बकरीद को मीठी ईद के दो महीने के बाद इस्लामिक कैलेंडर के सबसे आखिरी महीने में मनाया जाता है.
यहां हम आपको विभिन्न तरीकों से "ईद मुबारक" कहने के कुछ तरीके बताने जा रहे हैं.
अरबी: "ईद मुबारक" (عيد مبارك)
बांग्ला: "ईद मुबारक" (ঈদ মুবারক)
उर्दू: "ईद मुबारक" (عید مبارک)
तुर्की: "Bayramınız Kutlu Olsun"
इंडोनेशिया: "सलामत हरि राया" या "सलामत इदुल फितरी"
मलय: "सलामत हरि राया" या "सलामत हरि राया आदिलफित्री"
फारसी: "ईद-ए शोमा मोबारक" (عید شما مبارک)
स्वाहिली: "हेरी या ईद"
स्पैनिश: "फ़ेलिज़ ईद"
जर्मन: "Frohes Eidfest"
कोरियाई: "Eid mubalakeu" (ईद 무바라크)
कुर्बानी का प्रतीक है ईद-उल-अधा
बकरीद को पूरे देश-दुनियाभर में धूम धाम के साथ मनाया जाता है. बकरीद मुसलमानों को त्याग सिखाता है, इसलिए बकरों की कुर्बानी दी जाती है. कुर्बानी को तीन हिस्से में बांट दिया जाता है. पहला हिस्सा रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए होता है, दूसरे हिस्से को गरीब व जरूरतमंदों को दिया जाता है और तीसरा हिस्सा परिवार के लिए होता है. बकरीद के दूसरे दिन अरब देशों की तरह भारत में भी ऊंट की कुर्बानी देने का रिवाज है. ये कुर्बानी सात लोगों का नाम लेकर दी जाती है. इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और मस्जिद में जाकर नमाज अदा करते हैं.