कोरोना का अंधियारा छंट चुका है और धनतेरस पर बाजार रोशन हो गए हैं. दुकानों ग्राहकों की भीड़ लगने लगी है, जिससे उनका सूनापन दूर हो गया और कारोबारियों के चेहरे खिल उठे. धनतेरस के दिन खासतौर पर सोना चांदी और बर्तन खरीदने की परंपरा है. यही वजह है कि धनतेरस के दिन कारोबारी अपने व्यापार में अच्छे मुनाफे की उम्मीद रखते हैं.
इस बार दिवाली पर बाजारों में ग्राहकों की भीड़ बता रही है कि दिवाली की रौनक लौट आयी है. बाजार खरीदारों से पटे पड़े हैं और दुकाने सज गई हैं. कोरोना की भयंकर मार झेल चुके देश को इस दीपावली खुश होने का मौका मिला है.
क्या है दिल्ली के बाजारों का हाल?
बाजारों की रंगत धनतेरस के पहले ही दिन से बदली बदली नजर आ रही है. उम्मीद है कि आज जबरदस्त खरीदारी हुई होगी क्योंकि त्योहारों का मौका देखते हुए कारोबारियों ने भी खरीदारों कों लुभाने के लिए तरह-तरह के ऑफर दे रहे हैं. दिल्ली के लाजपत नगर में जबरदस्त भीड़ देखी गई जहां पैर रखने तक की जगह नहीं थी. लोग रंग बिरंगी लाइटे, कपड़े, ज्वेलरी लेने के लिए एक- दूसरे पर चढ़े जा रहे थे.
दिल्ली के करोलबाग और कमला नगर मार्केट में भी ऐसी ही भीड़ दिखी. कलरफुल लाइटिंग से दुल्हन की तरह बाजार को सजाया गया है. दिल्ली के करोलबाग मार्केट में लगभग सारी जरूरत की चीजें मिल जाती हैं, ब्रांडेड सामान हो या फिर लोकल, यहां सब मिलता है इसलिए कोरोना काल को छोड़ दें तो करोलबाग में खरीदारों की भीड़ कभी कम नहीं होती. अब जब कोरोना कुछ समय के लिए कम हुआ है तो यहां की रौनक लौटना लाज़मी है.
ज्वेलर्स भी दे रहे हैं खास ऑफर
धनतेरस के मौके पर रौनक सिर्फ दिल्ली के बाजारों में नहीं है, बल्कि देश के बाकी शहरों में भी बाजार गुलजार हैं. गुजरात के राजकोट में ज्वेलरी शॉप पर काफी तादात में लोग पहुंच रहे हैं. अमूमन धनतेरस के मौके पर लोग बर्तनों के साथ-साथ आभूषणों की खरीददारी करते हैं. राजकोट में तो धनतेरस से पहले ही ज्वेलरी शॉप पर लोगों की भीड़ जुटने लगी है. ज्वेलर्स भी ग्राहकों को खींचने के लिए तरह-तरह के ऑफर्स दे रहे हैं.
नाकारात्मक चीजों से बचाते हैं सोना-चांदी
ओडिसा की राजधानी भुवेश्वर में भी बाजारों में अच्छी खासी भीड़ देखी गई. यहां भी ज्वेलरी शॉप पर काफी खरीदार नजर आए. असल में मान्यता है कि सोना और चांदी अपशगुन और किसी भी नकारात्मक चीजों से बचाते हैं इसलिए धनतेरस के मौके पर बड़ी संख्या में सोना चांदी की खरीदारी होती है.
देश भर के बाजारों में उमड़ी भीड़ देश की अर्थव्यवस्था के लिए तो अच्छे संकेत हैं लेकिन इस तरह की भीड़ से हमें बचना होगा. हमें ये समझने की जरूरत है कि कोरोना का खतरा कम जरूर हुआ है पर यह पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. अपने आसपास के साथ बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बहुत जरूरी है.