दिल में कसक थी कि बुरहानपुर में ताजमहल क्यों नहीं है, फिर पत्नी को 'प्यार की निशानी' बनवाकर किया गिफ्ट

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक कसक के चलते पति ने पत्नी को ताजमहल जैसा घर बनवाकर गिफ्ट किया. पति की कसक सिर्फ इतनी थी कि प्यार की निशानी ताजमहल उसके शहर में क्यों नहीं है. ताजमहल जैसा घर तैयार करने में तीन साल का वक्त लगा.

पति ने पत्नी को ताजमहल जैसा घर गिफ्ट किया.
gnttv.com
  • भोपाल,
  • 22 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:07 AM IST
  • हूबहू ताजमहल की तरह ही दिखता है घर
  • ताजमहल जैसा घर बनाने में लगे तीन साल
  • बंगाल और इंदौर के कलाकार ने किया तैयार

फिल्म मांझी-द माउंटेन मैन देखी है आपने? उस फिल्म में दशरथ मांझी अपनी पत्नी फगुनिया को छोटा सा ताजमहल गिफ्ट करते हैं और बताते हैं कि इसे शाहजहां ने बनवाया था. फगुनिया पूछती है कि इतना छोटा सा. दशरथ हंसते हैं और बताते हैं कि ये तो खिलौना है. दरअसल, शाहजहां ने मुमताज की याद में बहुत बड़ा ताजमहल बनवाया था. ताजमहल प्यार की निशानी है.

एक कसक के चलते बनवा दिया ताजमहल!
मोहब्बत की उस निशानी को देखने के लिए न जाने कितने लोग देखने पहुंचे. लेकिन, सोचिए कि एक शख्स को इस बात की कसक हो कि दुनिया भर में प्यार की निशानी के तौर पर मशहूर ताजमहल उसके शहर में नहीं है तो वह अपने ही शहर में ताजमहल का निर्माण शुरू करा देता है. जब ताजमहल बनकर तैयार हो जाता है तो वह उसे अपनी पत्नी को गिफ्ट करता है.

हूबहू ताजमहल जैसा दिखता है घर
दरअसल, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहने वाले आनंद चौकसे ने अपनी पत्नी को ताजमहल जैसा घर बनवाकर गिफ्ट किया. यह हूबहू ताजमहल जैसा दिखता है. पति से ऐसा गिफ्ट पाकर पत्नी काफी खुश है. घर को बनाने में 3 साल का समय लगा. इस ताजमहल जैसे घर में असली ताजमहल की तरह मीनारें भी हैं. घर की फ्लोरिंग राजस्थान के मकराना और फर्नीचर मुंबई के कारीगरों से तैयार कराया गया है. यही नहीं, घर के बाहर और अंदर इस तरह से लाइटिंग की गई है कि रात के अंधेरे में भी यह घर एक दम असली ताजमहल की तरह ही चमकता है.

असली ताजमहल को समझा, फिर बनाया ऐसा घर
ताजमहल जैसा घर बनाने वाले इंजीनियर ने बताया कि इसके निर्माण में कई अड़चनें आई क्योंकि इसके लिए उन्होंने असली ताजमहल का बारीकी से अध्ययन किया. ताजमहल जैसे घर में डोम 29 फीट ऊंचा रखा गया है. इसमें एक बड़ा हॉल, 2 बेडरूम नीचे, 2 बेडरूम ऊपर है. एक किचन, एक लाइब्रेरी और एक मेडिटेशन रूम भी इसमें बनाया गया है. घर के अंदर की गई नक्काशी के लिए बंगाल और इंदौर के कलाकार से मदद ली गई है. 

 

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