हैदराबाद पुलिस की नई पहल, महिला अपराध पर कड़ा प्रहार, जानें क्या?

मामले पर हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार का कहना है कि ये पहल इस क्षेत्र की महिलाओं और लड़कियों को त्वरित राहत और उपचार प्रदान करने के लिए है. उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, महिला सुरक्षा के लिहाज से हैदराबाद भारत के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है. हालांकि हमें इस पर काम जारी रखना होगा. हमें यह देखना होगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में और कमी आई है.

हैदराबाद पुलिस की 'शी' यूनिट ने शुरू की नई पहल
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST
  • हैदराबाद पुलिस की 'शी' यूनिट ने शुरू की नई पहल
  • हैदराबाद की "शी" टीम ने मनाई अपनी 7वीं वर्षगांठ

हैदराबाद पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नई पहल शुरू की है. दरअसल हैदराबाद पुलिस की 'शी' (She) यूनिट ने शनिवार को 'सात- साथ अब और भी पास' नामक एक नई पहल शुरू की है. 

हैदराबाद की "शी" टीम ने शनिवार को अपनी 7वीं वर्षगांठ मनाई. इसके चलते हैदराबाद पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, शिखा गोयल के साथ मिलकर में "सात- साथ अब और भी पास" का उद्घाटन किया.

हैदराबाद पुलिस ने आधिकारिक विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि, 'शी' टीमों को 24 अक्टूबर 2014 को हैदराबाद शहर में लॉन्च किया गया था. इन टीमों का गठन तेलंगाना सरकार के महिला सुरक्षा के दृष्टिकोण से किया गया था. 

"शी" टीमों की इस पहल को न केवल पूरे तेलंगाना राज्य में बल्कि केरल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे कई अन्य राज्यों में भी अपनाया गया.

मामले पर हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार का कहना है कि ये पहल इस क्षेत्र की महिलाओं और लड़कियों को त्वरित राहत और उपचार प्रदान करने के लिए है.

उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, महिला सुरक्षा के लिहाज से हैदराबाद भारत के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है. हालांकि हमें इस पर काम जारी रखना होगा. हमें यह देखना होगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में और कमी आई है. महिलाओं को चोट पहुंचाने के इरादे से किसी भी आपराधिक गतिविधि से तुरंत निपटा जाना चाहिए. मैं यहां के सभी अधिकारियों को बधाई देता हूं.

हैदराबाद पुलिस आयुक्त ने ने 'शी' टीमों की सराहना करते हुए बताया कि इस पहल के कारण अब तक 8000 से अधिक पीड़ितों और उनके परिवारों की समस्याओं का समाधान किया जा चुका है, साथ ही 687 एफआईआर दर्ज की गईं हैं.

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