भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की ईस्टर्न एयर कमान अपनी युद्ध-विरोधी क्षमताओं और रणनीति का परीक्षण करने के लिए दो दिवसीय युद्धाभ्यास करने जा रही है. वायुसेना की ओर से दो दिवसीय युद्धाभ्यास 15 और 16 दिसंबर को किया जाएगा. ये युद्धाभ्यास(IAF Exercise) असम, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों के एयर-स्पेस में की जाएगी. वायुसेना की ओर से इसे लेकर नोटिस जारी किया गया है.
वायुसेना के युद्धाभ्यास से डरा चीन
इस अभ्यास की योजना पहले बनाई गई थी, लेकिन यह ऐसे समय हो रहा है जब चीनी और भारतीय सेना के बीच 9 दिसंबर की झड़प के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर फिर से तनाव बढ़ गया है. भारतीय वायुसेना के अभ्यास के मद्देनजर ड्रैगन ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है और अपने शिगात्से हवाईअड्डे पर चेतावनी विमान तैनात कर दिए हैं. चीन ने तवांग से 155 KM दूर शिगात्से पीस एयरपोर्ट पर 10 एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं.
भारतीय वायुसेना के इस युद्धाभ्यास में विशेष तौर से पश्चिम बंगाल के हाशिमारा और कलाईकुंडा, असम के तेजपुर और झबुआ और अरूणाचल प्रदेश की एडवांस लैंडिंग स्ट्रीप हिस्सा ले रही हैं. इस एक्सरसाइज में राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे. इसके अलावा सुखोई और कई हेलीकॉप्टर भी इसका हिस्सा बनेंगे. इस अभ्यास का फोकस इस बात की पुष्टि करना भी है कि किसी आपात परिस्थिति में आक्रामक और रक्षा रणनीति कितनी जल्दी काम आ सकती है. यह एक रूटीन कमांड लेवल एक्सरसाइज है.
क्या हुआ था 9 दिसंबर को
चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग की सेना ने 9 दिसंबर को तवांग के यांगत्से में घुसपैठ की कोशिश की. लेकिन भारतीय सेना के शूरवीरों ने उन्हें घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. खबर है कि तीन सौ चीनी सैनिक भारतीय पोस्ट को हटाने की फिराक में थे. लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों को वहां से खदेड़ दिया. इस झड़प में 6 भारतीय जवान घायल हुए हैं, चीन की तरफ से कोई आंकड़ा जारी नहीं हुआ है लेकिन बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में पीएलए जवान जख्मी हुए हैं.