Instant-Mix Bio- Decomposer Powder: वैज्ञानिकों ने बनाया खास डीकंपोजर, पराली को बदलेगा पोषक खाद में, फसल होगी अच्छी और प्रदूषण पर लगेगी रोक

सितंबर के अंत से ही दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में खेतों में पराली जलने के कारण प्रदूषण की समस्या बढ़ने लगती है. इस समस्या को रोकने के लिए IARI-PUSA ने खास Instant-Mix Bio- Decomposer Powder तैयार किया है.

Spray bio-decomposer for farm stubble
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 22 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST
  • पराली के समाधान के लिए बनाया डीकंपोजर
  • पाउडर से स्प्रे तैयार करने में कम समय लगेगा

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI)-PUSA के वैज्ञानिकों ने फसलों की पराली को पोषक तत्वों से भरपूर खाद में बदलने के लिए एक इंस्टेंटमिक्स बायो-डीकंपोजर पाउडर का उत्पादन किया है. इससे किसानों को पराली नहीं जलानी पड़गी और इससे दिल्ली और इसके आसपास प्रदूषण पर कुछ हद तक रोक लगेगी. यह मिश्रण इस साल परीक्षण के लिए किसानों को दिया जाएगा. 

पराली के समाधान के लिए बनाया डीकंपोजर 
साल 2022 की फसल के बाद पराली प्रबंधन विधि का एक कैप्सूल वर्जन आज़माया गया था. उस समय, दिल्ली में किसानों को बायो-डीकंपोज़र कैप्सूल दिए गए थे, जिन्हें पानी के साथ मिलाने पर स्प्रे-रेडी सॉल्यूशन में बदलने में 10 दिन लगे. दूसरी ओर, नया पाउडर तुरंत समाधान बन सकता है. हालांकि, बायो-डीकंपोजर कैप्सूल की तरह, इंस्टेंट-मिक्स्ड लिक्विड को भी पराली को विघटित करने में 20-25 दिन लगेंगे. किसानों के लिए यह समय बहुत ज्यादा है. 

आपको बता दें कि धान की कटाई सितंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होकर नवंबर तक चलती है और इस बीच किसानों के पास गेहूं लगाने का समय अक्टूबर से नवंबर तक होता है. ऐसे में, किसानों को दोनों फसलों के बीच 30 दिन या इससे कम समय मिलता है. 
इसलिए सड़न का समय लगभग 15 दिन या इससे कम हो तो बायो-डीकंपोजर एक अच्छा समाधान बन सकता है. 

हालांकि, पूसा के वैज्ञानिकों का कहना है कि वे विघटन के समय को लगभग एक महीने से घटाकर एक सप्ताह से भी कम करने के फार्मूले पर काम कर रहे हैं. इससे किसानों के लिए पराली प्रबंधन आसान हो जाएगा और वे फसल के अवशेष जलाने से बचेंगे. इंस्टेंट-मिक्स पाउडर संदूषण (कंटामिनेशन) के खतरे को भी कम करता है, जो अक्सर कैप्सूल के मामले में हो जाता है. 

पाउडर से स्प्रे तैयार करने में कम समय लगेगा
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल बायो डीकंपोजर का एक नया वर्जन तैयार किया है जो पाउडर के रूप में होगा. स्प्रे-रेडी घोल बनाने के लिए इस डीकंपोजर को पानी के साथ मिलाया जा सकता है. यह अभी तक बाजार में नहीं पहुंचा है, लेकिन उम्मीद है कि अगले साल तक यह हो जाएगा. यह वर्जन पिछले साल तक कैप्सूल को (तरल बनने के लिए) लगने वाले दस दिनों के समय को कम कर देता है. 

पिछले साल, दिल्ली सरकार ने अक्टूबर के पहले सप्ताह से बायो-डीकंपोजर को मुफ्त बांटना शुरू किया था. सरकार इस साल भी मुफ्त में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव करेगी. इसके लिए संबंधित विभागों को सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है. बायो-डीकंपोजर का छिड़काव करने के लिए 11 टीमें बनाई हैं. इस साल तैयार किए गए डीकंपोजर पाउडर की क्वालिटी बेहतर की गई है जिससे किसानों को अच्छी पोषक खाद मिलेगी. 

स्प्रे-रेडी सॉल्यूशन 

  • 500 ग्राम डीकंपोजर पाउडर को 200 लीटर पानी में मिलाना होगा. 
  • 200 लीटर स्प्रे का एक एकड़ में छिड़काव किया जा सकता है. 
  • इससे कंटामिनेशन का खतरा कम होगा. 
  • पराली को डीकंपोज करने में 20 से 25 दिन का समय लगेगा. लेकिन यह स्प्रे 10 दिन में बनकर तौयर हो जाएगा. 

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