तेज तर्रार IFS Vivek Kumar बने पीएम मोदी के Private Secretary, सरकार के सबसे बेहतरीन अफसरों में होती है गिनती 

आईएफएस विवेक कुमार (IFS Vivek Kumar) की नियुक्ति साल 2014 में पीएमओ में बतौर डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर हुई थी. वे आईआईटी बॉम्बे से पासआउट हैं. उन्होंने साल 1998- 2002 में केमिकल इंजीनियनिंग की पढ़ाई की थी.

IFS Vivek Kumar
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2022,
  • अपडेटेड 10:44 PM IST
  • विवेक कुमार 2004 बैच के आईएफएस ऑफिसर हैं
  • रूस और आस्ट्रेलिया में राजनयिक पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं

आईएफएस विवेक कुमार (IFS Vivek Kumar) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रमुख सचिव (Private Secretary) नियुक्त किया गया है. इसकी जानकारी शनिवार को भारत सरकार की ओर से दी गई है. बता दें, विवेक कुमार 2004 बैच के तेज तर्रार आईएफएस ऑफिसरों में से एक हैं. आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विवेक कुमार, आईएफएस (2004) को प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव लेवल पर प्रधानमंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी के रूप में नियुक्त किया गया है. 

दरअसल, प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव पीएम कार्यालय (PMO) में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह और प्रशासनिक अधिकारी होता है. इनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय विदेश सेवा द्वारा किया जाता है. विवेक कुमार का बतौर पीएम मोदी के प्रमुख सचिव के तौर पर नाम सामने आने के बाद लोगों की दिलचस्पी उन्हें जानने में बढ़ गई है. चलिए जानते हैं आखिर कौन हैं विवेक कुमार…. 

कौन हैं ये तेज तर्रार ऑफिसर ?

आपको बताते चलें कि विवेक कुमार 2004 बैच के आईएफएस ऑफिसर हैं. इससे पहले वे प्रधानमंत्री कार्यालय में निदेशक के तौर पर कार्यरत रह चुके हैं. उनकी नियुक्ति साल 2014 में पीएमओ में बतौर डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर हुई थी. विवेक कुमार आईआईटी बॉम्बे से पासआउट हैं. उन्होंने साल 1998- 2002 में केमिकल इंजीनियनिंग की पढ़ाई की थी. मीडिया रिपोर्टस का मुताबिक, बीटेक के बाद विवेक बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के तौर पर टेलीकॉम सॉफ्टवेयर स्टार्टअप में भी काम कर चुके हैं.

कहां-कहां दे चुके सेवाएं?

आईएफएस विवेक कुमार के लिंक्डइन अकाउंट के मुताबिक, उन्होंने सिविल सर्विसेज का एग्जाम दिया और फिर वे भारत सरकार की विदेश सेवा में आ गए. वे रूस और आस्ट्रेलिया में राजनयिक पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं. इतना ही नहीं बल्कि महज 38 साल की उम्र में वे रूस और ऑस्ट्रेलिया में भी भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इसके अलावा, वे विदेश मंत्रालय में डिप्टी चीफ ऑफ प्रोटोकॉल के तौर पर जुलाई 2013 से दिसंबर 2016 तक काम कर चुके हैं. 

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