भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए IIT जोधपुर की अनोखी पहल...पांडुलिपियों,पुस्तकों और ऐतिहासिक दस्तावेजों का किया जाएगा डिजिटलीकरण

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के आईएचयूबी दृष्टि फाउंडेशन ने भारत की विशाल सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने के लिए एक खास शुरुआत की है. इसके लिए उसने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के साथ साझेदारी की है.

IGCNA
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:03 PM IST

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के IHUB दृष्टि फाउंडेशन ने भारत की विशाल सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए एक अभिनव पहल की है. इसके तहत उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के साथ साझेदारी की है. यह सहयोग IGNCA द्वारा रखे गए पांडुलिपियों,पुस्तकों और ऐतिहासिक दस्तावेजों के एक महत्वपूर्ण संग्रह को डिजिटल बनाने,संरक्षित करने और उनकी पहुंच में सुधार करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करेगा.

भारतीय कला से जुड़ाव पैदा करेगा
कंप्यूटर विज़न,ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी में अपने काम के लिए प्रसिद्ध IHUB दृष्टि फाउंडेशन डिजिटलीकरण प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए इन तकनीकों का उपयोग करेगा. नतीजतन यह प्रयास न केवल इन अमूल्य संसाधनों की सुरक्षा करेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भारतीय कला और संस्कृति की अधिक पहुंच और समझ भी सुनिश्चित करेगा.

संस्कृति मंत्रालय के तहत IGNCA के पास कई भारतीय भाषाओं में संसाधनों का विशाल संग्रह है. भारतीय कला और संस्कृति में ज्ञान का शोध और प्रसार करने की इसकी प्रतिबद्धता इस सहयोग को और भी अधिक लाभकारी बनाती है. दोनों संस्थानों द्वारा सहमति व्यक्त किए गए समझौता ज्ञापन में सांस्कृतिक कलाकृतियों के डिजिटलीकरण और संरक्षण में सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास की रूपरेखा दी गई है. 

दो भागों में होगी प्रकिया
यह परियोजना दो चरणों में होगी.पहला चरण अनुसंधान और विकास पर केंद्रित है, जबकि दूसरे चरण में प्रगति और भविष्य की योजना का मूल्यांकन शामिल है. इस सहयोग पर बोलते हुए, IHUB दृष्टि फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. शांतनु चौधरी ने कहा, "यह साझेदारी भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इन पांडुलिपियों और ऐतिहासिक दस्तावेजों को डिजिटल बनाकर,हम दुनिया भर के लोगों के लिए उनकी पहुंच सुनिश्चित कर रहे हैं,जिससे भारतीय कला और संस्कृति के बारे में हमारी समझ समृद्ध होगी." IHUB दृष्टि फाउंडेशन और IGNCA के बीच साझेदारी का उद्देश्य न केवल संरक्षित करना है,बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना भी है. यह पहल सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में अंतःविषय साझेदारी के महत्व का प्रतीक है. इस प्रकार संस्कृति और इतिहास की सेवा में डिजिटलीकरण के एक नए युग की शुरुआत करती है.

(अनमोल नाथ बाली की रिपोर्ट)


 

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