IIT बॉम्बे से पढ़ाई...फोटोग्राफी का शौक लेकिन नहीं मिला जीवन का अर्थ, ज्ञान की तलाश में भटकते रहे और सबकुछ छोड़ पकड़ ली अध्यात्म की राह

इस बाबा का नाम अभय सिंह है और वे हरियाणा के रहने वाले हैं. जब बाबा से पूछा गया कि वे इस अवस्था में कैसे पहुंचे तो बाबा ने कहा, "ये अवस्था तो सबसे अच्छी अवस्था है. यदि आप ज्ञान का पीछा करते रहेंगे, तो आप कहां पहुंचेंगे? यह वह जगह है जहां आप पहुंचते हैं."

IITian Baba Abhay Singh
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST
  • बाबा ने की है आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई
  • सबकुछ छोड़ पकड़ ली अध्यात्म की राह

देश विदेश से श्रद्धालु दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन का अनुभव करने के लिए प्रयागराज आ रहे हैं. महाकुंभ का पहला अमृत स्नान आज से शुरू हो चुका है. प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाला महाकुंभ 144 वर्ष बाद आया है. महाकुंभ में नागा साधु, अघोरी साधुओं और अन्य कई संत आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे हैं. 

सबकुछ छोड़ पकड़ ली अध्यात्म की राह
महाकुंभ में एक 'आईआईटियन बाबा' की मौजूदगी इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. लोग इन्हें आईआईटियन बाबा के नाम से जानते हैं. बाबा ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान से आईआईटी की पढ़ाई की है और अब सबकुछ छोड़ कर अध्यात्म की राह पर निकल पड़े हैं. 

बाबा ने की है आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई
अध्यात्म के लिए साइंस छोड़ने वाले आईआईटियन बाबा का इंटरव्यू काफी दिलचस्प है. CNN News18 के साथ बातचीत के दौरान जब बाबा से पूछा गया कि, "आप अच्छा बोलते हैं, आप शिक्षित लगते हैं." इस पर बाबा ने जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.

हरियाणा के रहने वाले हैं बाबा
इस बाबा का नाम अभय सिंह है और वे हरियाणा के रहने वाले हैं. जब बाबा से पूछा गया कि वे इस अवस्था में कैसे पहुंचे तो बाबा ने कहा, "ये अवस्था तो सबसे अच्छी अवस्था है. यदि आप ज्ञान का पीछा करते रहेंगे, तो आप कहां पहुंचेंगे? यह वह जगह है जहां आप पहुंचते हैं."

हमेशा से था आधात्म की तरफ झुकाव
'3 इडियट्स' से तुलना करते हुए बाबा ने बताया कि वह हमेशा से जीवन में मतलब खोजना चाहते थे. यही वजह थी कि उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट होने के बाद फोटोग्राफी को अपनाया. उन्होंने कुछ समय तक बच्चों को फिजिक्स पढ़ाने का काम भी किया और आखिर में उन्होंने अध्यात्म को अपना लिया और साधु बन गये. इस दौरान बाबा ने ये भी बताया कि उनका हमेशा से आधात्म की ओर झुकाव रहा है. ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने दर्शनशास्त्र का भी अध्ययन किया था.

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