30 साल के आंकड़ों ने चौंकाया, बदल रहा मॉनसून का पैटर्न, क्या रहा 2021 का हाल, जानिए

इन राज्यों में बारिश में की दर्ज करने के साथ सौराष्ट्र और कच्छ, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, उत्तरी तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम ओडिशा के आसपास के इलाकों और कई दूसरे राज्यों में भारी बारिश दर्ज की गई है. बता दें कि ये आंकड़ें 30 मार्च, 2020 को जारी आईएमडी की रिपोर्ट के हवाले से पेश हुई है.

सांकेतिक तस्वीर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:55 PM IST
  • 30 सालों के बारिश के आंकड़ों ने चौकाया
  • कहीं कम तो कहीं ज्यादा हुई बारिश

बुधवार को लोकसभा में  केन्द्र सरकार ने ये बताया कि मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ो के मुताबिक पिछले 30 सालों में (1989 and 2018) 5 राज्यों में कम बारिश हुई है. इन पांच राज्यों में यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, मेघालय और नागालैंड शामिल है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  ने डॉ जितेंद्र सिंह पार्थिबंस आर और विजयकुमार के सवालों के  (उर्फ विजय वसंत) जवाब में ये जानकारी दी. उन्होने ये भी बताया कि इन पांच राज्यों के साथ अरुणाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में भी बारिश में कमी देखी गई है. 

ऊपर-नीचे खिसकता बारिश का पैराग्राफ

 इन राज्यों में बारिश में की दर्ज करने के साथ सौराष्ट्र और कच्छ, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, उत्तरी तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम ओडिशा के आसपास के इलाकों और कई दूसरे राज्यों में भारी बारिश दर्ज की गई है. बता दें कि ये आंकड़ें 30 मार्च, 2020 को जारी आईएमडी की रिपोर्ट के हवाले से पेश हुई है. इस रिपोर्ट में 30 साल की अवधी को मद्देनजर रख कर देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बारिश में हुई कमी -बेसी का अवलोकन किया गया. इस दौरान साल  का दक्षिण-पश्चिम मानसून पैटर्न भी पेश हुआ. जिसमें सभी 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया गया.

जानिए बीते साल का हाल 

भारत के मौसम विभाग के मुताबिक लगातार तीसरे साल मानसून सामान्य रहेगा. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएमडी ने शुक्रवार को जारी पूर्वानुमान में बताया है कि जून से सितंबर के बीच मानसून सामान्य रहेगा. ये लगातार तीसरा साल है जब आईएमडी ने इस तरह का पूर्वानुमान घोषित किया है. आईएमडी ने कहा है कि मानसून के सामान्य रहने की संभावना 40 प्रतिशत है जबकि सामान्य से अधिक रहने की संभावना 21 प्रतिशत है. इससे पहले 1996, 1997 और 1998 में लगातार तीन साल भारत में अच्छी बारिश हुई थी. आईएमडी के मुताबिक 15 मई को केरल में मानसून के आगमन से जुड़ा पूर्वानुमान जारी किया जाएगा. स्काईमैट वेदर ने जहां साल 2021 के सूखाग्रस्त रहने की संभावना को पूरी तरह नकारा था, वहीं आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में कहा था कि मानसून के सूखाग्रस्त रहने की संभावना 14 प्रतिशत रहेगी.


 

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