कुछ दिन पहले इंदौर के व्यापारियों ने UPI ठगी से बचने के लिए डिजिटल पेमेंट लेने से इंकार कर दिया था. उनका अपनी दुकानों पर नोटिस लगा दिए थे, जिनमें साफ लिखा था कि वे पेमेंट केवल कैश और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ही लेंगे. साथ ही उन्होंने सरकार से भी गुहार लगाई थी कि UPI पेमेंट को और सुरक्षित बनाया जाए.
आज के डिजिटल दौर हर कोई ऑनलाइन हो रहा है. और इसी का फायदा ठग काफी जोरों से उठा रहे हैं. जरूरी नहीं होता है कि ऑनलाइन बैठे हर शख्स को साइबर ठगी के बारे में हर प्रकार की जानकारी हो. ऐसे में वह साइबर ठगी का शिकार बन जाता है और लाखों रुपए गवां बैठता है.
इंदौर पुलिस ने उठाया जागरूकता का बीड़ा
इंदौर शहर में बढ़ते लगातार साइबर फ्रॉड को लेकर पुलिस जागरूकता अभियान चला रही है. जिसे लेकर पुलिस अलग-अलग जगह जाकर सूचना पत्र और बैनर-पोस्टर बांट रही है. ताकि आम लोगों में साइबर फ्रॉड के प्रति जागरूकता आ सके.
इसी कड़ी में क्राइम ब्रांच की टीम सेंट्रल मॉल पहुंची और वहां आने वाले लोगों को पोस्टर बांटे. शहर में लगातार डिजिटल अरेस्ट साइबर फ्रॉड बढ़ रहे हैं, जिसका नतीजा यह हो रहा है कि लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं, जिसमें डिजिटल अरेस्ट, पुलिस अधिकारी, आईबी अधिकारी, क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर लोगों के साथ वीडियो कॉल कर ठगी करते हैं.
कैसे किया जा रहा है जागरूक
क्राइम ब्रांच द्वारा शहर के अलग-अलग प्रमुख चौराहे पर आम लोगों में जागरूकता लाने के लिए पंपलेट बांट रही है. पुलिस हर जगह मॉल-मार्किट में सभी जगह घूम-घूम कर जनता को जागरूक कर रही है. जिसमें अलग-अलग 11 बिंदू दे रखे हैं. जिसमें साइबर फ्रॉड से कैसे बचा जाए और अगर आपके साथ ऐसा फ्रॉड होता है या कॉल आता है तो उसमें डरने की आवश्यकता नहीं है.
साथ ही बताया गया है कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान होता नहीं है. और कोई पुलिस अधिकारी ऐसे डिजिटल अरेस्ट नहीं कर सकता. तो ऐसे ठगो से बचकर रहना चाहिए. पुलिस का यह जागरूकता अभियान लगातार जारी रहेगा वहीं पुलिस ने साइबर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए है.
-धर्मेंद्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट