Indian Flag Hoisting Rules: तिरंगा फहराने के भी हैं नियम! अपमान पर जुर्माना से लेकर हो सकती है जेल, ध्वजारोहण करते समय इन बातों का रखें ध्यान

Tiranga Fahrane ke Niyam: पूरे देश में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने को लेकर उत्साह है. इस दिन लाल किला सहित जगह-जगह ध्वजारोहण किया जाएगा. तिरंगा फहराने के कुछ नियम हैं. इसका पालन करना सभी के लिए जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर जुर्माना या जेल तक हो सकती है.

National Flag
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST
  • 15 अगस्त को किया जाता है ध्वजारोहण 
  • नए नियम के तहत 24 घंटे फहरा सकते हैं तिरंगा 

Independence Day 2024: 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. तब से हम हर साल इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप मनाते आ रहे हैं. इस बार आजादी के 78वें साल का जश्न मनाया जा रहा है.

इस दिन दिल्ली में हमारे प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वाजारोहण करते हैं. इसके बाद देश को संबोधित करते हैं. पूरे देश में तिरंगा लहराता है. हम आपको तिरंगा फहराने के कुछ नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं. आप जरूर इनका पालन करें क्योंकि तिरंगा का अपमान करने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है. इतना ही नहीं जेल तक हो सकती है. 

कैसा है हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज
हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों का है. इसे तिरंगा कहते हैं. तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत और सबसे नीचे हरा रंग होता है. श्वेत रंग पर नीले रंग का अशोक चक्र का चिह्न होता है. अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं.

15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में है अंतर
15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया जाता है. क्या आप जानते हैं कि इन दोनों दिन अलग-अलग तरीके से झंडा फहराया जाता है. 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है.

प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वाजारोहण करते हैं, वहीं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति कर्तव्य पथ पर झंडा फहराते हैं. ध्वजारोहण और झंडा फहराने के बीच एक बड़ा अंतर है. जब तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है तो इसे ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं. 26 जनवरी में तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है. इसे झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं.

क्या है फ्लैग कोड 2002
फ्लैग कोड 2002 के अंतर्गत तिरंगा फहराने से जुड़े नियम-कानून आते हैं. ये नियम 26 जनवरी 2002 से लागू हैं. इससे पहले तिरंगा फहराने के नियम  एम्बलेम्स एंड नेम्स (प्रिवेन्शन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट 1950 और प्रिवेन्शन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के तहत आते थे. फ्लैग कोड को तीन भाग में बांटा गया है. पहले भाग में तिरंगे से जुड़ी सामान्य जानकारियां हैं. दूसरे में आम लोग, निजी संगठन और संस्थानों में तिरंगा फहराने से जुड़े नियम हैं. तीसरे भाग में केंद्र, राज्य सरकार और उनसे जुड़े संगठन-एजेंसियों के तिरंगा फहराने से जुड़े नियम-कानून हैं. 

केंद्र सरकार ने 2022 में फ्लैग कोड के नियमों में दो बड़े बदलाव किए थे. पहला बदलाव ये किया गया कि तिरंगे को सूर्यास्त तक फहराने की बजाय अब रात में भी यानी 24 घंटे फहराया जा सकता है. सरकार ने ऐसा इसलिए किया ताकि लोगों को अपने घरों पर तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. दूसरा बदलाव ये किया गया कि पहले सिर्फ हाथ से बुने और काते ऊन, कपास या रेशमी खादी के तिरंगे फहराने की अनुमति थी. अब मशीन से बने कपास, ऊन या रेशमी खादी के तिरंगे भी फहराए जा सकते हैं. इतना ही नहीं पॉलिएस्टर का झंडा भी फहरा सकते हैं.

तिरंगे का अपमान होने पर सजा
तिरंगा फहराना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और इसका सम्मान करना मौलिक कर्तव्य. संविधान के अनुच्छेद 51A (a) में इसका प्रावधान है. भारतीय कानून के अनुसार तिरंगे का अपमान करना एक गंभीर अपराध है. यदि कोई व्यक्ति तिरंगे का अपमान करता हुआ पाया जाता है तो उसे तीन साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों सजाएं दी जा सकती हैं. इसके लिए राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 में प्रावधान किया गया है. इस कानून के मुताबिक किसी भी सार्वजनिक स्थान पर तिरंगे और संविधान को जलाना, कुचलना, फाड़ना या किसी तरह का नुकसान पहुंचाना भी अपराध होगा.

क्या है तिरंगा फहराने के नियम
1. तिरंगा फहराते समय यह ध्यान रखें कि यह भीगा न हो. नहीं किसी प्रकार की उसे क्षति हुई है. 
2. केसरियां रंग हमेशा ऊपर, सफेद रंग बीच में और हरा रंग सबसे नीचे की पट्टी में होनी चाहिए. 
3. पहले केवल दिन के वक्त ही झंडा फहराने की अनुमति थी लेकिन सरकार के नियम के तहत अब आप इसे 24 घंटे तक तिरंगा फहरा सकते हैं. 
4. झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए. 
5. अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए और यह सफेद पट्टी के बीच में होना चाहिए.
6. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को नहीं छूना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा कोई और ध्वज नहीं लगाया जा सकता है. 
7. मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल की जेल के साथ जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है.
8. झंडे पर कुछ लिखा नहीं जा सकता है. तिरंगे को अपने पास पूरे सम्मान के साथ तह लगाकर रखना है. फेंकना और क्षति पहुंचाने की मनाही है. 
9. तिरंगा आधा झुका, कटा और फटा नहीं होना चाहिए. इसे विधिवत ही फहराना होगा.
10. तिरंगा को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता.
11. झंडा यदि फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए.
12. तिरंगा को किसी भी गाड़ी में नहीं लगाया जाना चाहिए. कुछ विशिष्ट लोगों के वाहनों को छोड़कर किसी भी गाड़ी में झंडा नहीं लगाया जा सकता है.
13. यदि कार पर दो देश के झंडे लगे हैं तो भारत का झंडा दाईं तरफ होना चाहिए.
14. तिरंगा फहराने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है. यह आम लोग, निजी संस्थान, शैक्षणिक संस्थान या अन्य के द्वारा फहराया जा सकता है. 
15. तिरंगा का उपयोग कोई वस्तु या किसी को भी लपेटने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.


 

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