देश आजादी की 78वीं सालगिरह मना रहा है. पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया. इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी शिरकत की. कांग्रेस लीडर इस कार्यक्रम में पीछे की लाइन में बैठे नजर आए. दर्शक दीर्घा में उनके बैठने की जगह को लेकर सवाल उठने लगे. इसको लेकर रक्षा मंत्रालय ने सफाई भी दी है. चलिए आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला क्या है.
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में राहुल गांधी-
दिल्ली में लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए. राहुल गांधी दर्शक दीर्घा में पीछे की लाइन में बैठे नजर आए. राहुल गांधी सफेद कुर्ता और पायजामा पहने नजर आए. कार्यक्रम में राहुल गांधी के आसपास ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले हॉकी खिलाड़ी बैठे नजर आए. उस लाइन में मनु भाकर भी दिखाई दीं. नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद राहुल गांधी को पीछे की लाइन में बैठाए जाने पर सवाल उठने लगे.
कांग्रेस ने उठाए सवाल-
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पीछे की लाइन में बैठाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है. कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने राहुल गांधी को पीछे की लाइन में बैठाए जाने पर आपत्ति जताई.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेयर किया और कहा कि रक्षा मंत्रालय इतना खराब व्यवहार क्यों कर रहा है? लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चौथी लाइन में बैठाया गया. नेता प्रतिपक्ष का पद किसी भी केंद्रीय मंत्री से बड़ा होता है. लोकसभा में वह प्रधानमंत्री के बाद आता है. राजनाथ सिंह आप रक्षा मंत्रालय को राष्ट्रीय समारोह का राजनीतिकरण करने की इजाजत कैसे दे सकते हैं. आपसे ये उम्मीद नहीं थी.
राहुल गांधी को पीछे क्यों बैठाया गया-
राहुल गांधी के पीछे की पंक्ति में बैठाए जाने पर रक्षा मंत्रालय ने सफाई दी है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि कार्यक्रम में आगे की पंक्तियों में ओलंपिक मेडल विजेता खिलाड़ियों के बैठने की व्यवस्था की गई थी. इसकी वजह से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पीछे की लाइन मं बिठाया गया था. रक्षा मंत्रालय ने ये भी कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो प्रोटोकॉल के मुताबिक विपक्ष के नेता को आगे की लाइन में बैठाया जाता है.
आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के आयोजन और गेस्ट के बैठने की योजना बनाने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की होती है.
10 साल में पहली बार कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष-
10 साल के बाद पहली बार स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष शामिल हुए हैं. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि पिछले 10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था. साल 2014 से साल 2024 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए जरूरी सीटों की संख्या विपक्ष के पास नहीं थी. इसलिए ये पद खाली रहा. साल 2024 आम चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया.
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