India Pakistan War of 1965: क्या था पाकिस्तान का Operation Gibraltar, जिसके जवाब में लाहौर तक पहुंच गई थी भारतीय सेना

India Pakistan War: 6 सितंबर 1965 को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया था. इससे पहले पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर के तहत घुसपैठियों को भेजा था और कश्मीर पर कब्जा करने की कोशिश की थी. लेकिन उनका नापाक इरादा पूरा नहीं हो पाया. इसके बाद युद्ध शुरू हुआ और भारतीय सेना लाहौर तक पहुंच गई थी.

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ ऑपरेशन जिब्राल्टर चलाया था (Photo/Wikipedia)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी जगजाहिर है. दोनों देशों के बीच कई युद्ध हुए हैं. 58 साल पहले पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्राल्टर के जवाब में आज के दिन यानी 6 अगस्त 1965 को भारत ने युद्ध का ऐलान कर दिया था. इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. जाबांज भारतीय सेना लाहौर तक पहुंच गई थी. चलिए पाकिस्तान के नापाक ऑपरेशन जिब्राल्टर के बारे में बताते हैं.

क्या था ऑपरेशन जिब्राल्टर-
भारत के मुसलमानों में ये मान्यता थी कि कश्मीर में हजरत दरगाह में पैगंबर मुहम्मद साहब का बाल रखा हुआ है. इस बाल के गायब होने की खबर से आम लोगों में नाराजगी थी. इसका फायदा उठाकर कश्मीर पर कब्जा करने की नियत से पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर चलाया था. पाकिस्तान ने अपने 5 हजार सैनिकों को कश्मीर की आम जनता के बीच रहने के लिए भेज दिया. ये सैनिक आम नागरिकों की तरह रह रहे थे और भारत के खिलाफ लोगों को भड़का रहे थे. पाकिस्तान इस ऑपरेशन के जरिए कश्मीर में अशांति फैलाकर उसपर कब्जा करना चाहता था.

ऑपरेशन जिब्राल्टर नाम ही क्यों रखा-
स्पेन में एक छोटा सा द्वीप है, जिसका नाम जिब्राल्टर है. 8वीं शताब्दी में अरब देशों की सेना यूरोप जीतने के लिए पश्चिम की तरफ बढ़ी तो पहला पड़ाव जिब्राल्टर द्वीप था. इसको जीतने के बाद अरब की सेना ने पूरे स्पेन को जीत लिया था. इस लड़ाई को अपनी प्रेरणा बनाकर पाकिस्तान ने इसका नाम ऑपरेशन जिब्राल्टर रखा था और कश्मीर को जीतने के बाद भारत पर दबदबा बनाने का प्लान था. लेकिन भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान की नापाक सोच को कुचल दिया.

40 हजार लोगों को दी गई थी ट्रेनिंग-
इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तानी सेना 40 हजार लोगों को ट्रेनिंग दे रही थी और इन लोगों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए खुफिया जानकारी जुटा रही थी. इसी दौरान हजरत बल दरगाह से पवित्र अवशेष गायब होने की खबर फैल गई. जिसके बाद पाकिस्तान ने कुछ लोगों को घुसपैठ कराने में कामयाबी भी हासिल की.

ऑपरेशन के तहत बनाए गए थे 6 ग्रुप-
पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन जिब्राल्टर के लड़ाकों को 6 ग्रुपों में बांटा था. इन ग्रुपों को तारिक, कासिम, शालिद, सलाउद्दीन, गजनवी और बाबर नाम दिए गए थे. इन सभी ग्रुपों को पाकिस्तान के एलीट स्पेशल सर्विसेज ग्रुप के ऑफिसर लीड कर रहे थे. 5 अगस्त 1965 को पाकिस्तान सेना ने घुसपैठ की. गलूटी इलाके में भारतीय गश्ती दल पर हमला किया गया. पाकिस्तानी घुसपैठिए गुलमर्ग के पास पीरपंजाल और श्रीनगर में दाखिल हुए.

क्यों फेल हुआ ऑपरेशन जिब्राल्टर-
ऑपरेशन जिब्राल्टर में भेजे गए घुसपैठियों को कश्मीरी बोलना तक नहीं आता था. उनको कश्मीर में चलने वाले जवन के पैमानों की जानकारी नहीं थी. जिब्राल्टर के सैनिक अगर किसी दुकान पर जाते तो पकड़ लिए जाते. भारतीय सेना ने ऑपरेशन जिब्राल्टर के 4 अफसर पकड़े गए. उन्होंने पाकिस्तान का पूरा प्लान बता दिया. जब पाकिस्तान को लगा कि उनका प्लान फेल होने वाला है तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी.

शुरू हुआ भारत-पाकिस्तान युद्ध-
ऑपरेशन जिब्राल्टर फेल होने के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी. भारत ने तय किया कि 7 सितंबर को सुबह 4 बजे हमला किया जाएगा. लेकिन पश्चिम क्षेत्र के कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरबख्श सिंह ने 24 घंटे पहले यानी 6 सितंबर को आगे बढ़ने का फैसला किया. भारत ने 4 जगहों से पाकिस्तान में घुसने का प्लान बनाया. कुछ ही घंटों में भारत ने डोगराई के उत्तर में भसीन, दोगाइच और वाहग्रियान पर कब्जा कर लिया. लाहौर डोगराई से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है.
23 सितंबर को यूएन सुरक्षा परिषद के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा की और युद्ध खत्म हुआ.

युद्ध में किसने क्या किया-
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 युद्ध में दोनों तरफ से जमीन कब्जा की गई. भारतीय सेना ने 1920 स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर कब्जा किया था, जबकि पाकिस्तान ने 540 स्क्वायर किलोमीटर की जमीन पर कब्जा जमाया था. इस युद्ध में 2735 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि पाकिस्तान के 5988 सैनिक मार गिराए गए थे.

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