Rafale-M: पाकिस्तान तुम्हारी खैर नहीं! भारत और फ्रांस के बीच डिफेंस डील डन, राफेल-एम कितना ताकतवर, जानें हमारी सेना के लिए यह Fighter Jet क्यों जरूरी

India-France Defense Deal: भारत ने अपनी सेना की ताकत और बढ़ाने के लिए फ्रांस के साथ 63 हजार करोड़ रुपए की डिफेंस डील की है. इसके तहत 26 Rafale-M Fighter Jet खरीदे जाएंगे, जिन्हें INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य पर तैनात किया जाएगा. आइए राफेल-एम की खासियत जानते हैं.

 Rafale Fighter Jet (Photo: Getty)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 6:11 PM IST
  • भारत 63000 करोड़ रुपए में फ्रांस से खरीदेगा 26 राफेल मरीन 
  • पहला फाइटरजेट 2028 में पहुंचेगा भारत 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. भारत इस बार आर-पार के मूड में है. भारत ने अपनी समुद्री ताकत मजबूत करने के लिए फ्रांस के साथ 63 हजार करोड़ रुपए की डिफेंस डील की है.

भारत इस समझौते के तहत फ्रांस से 26 राफेल मरीन एयरक्राफ्ट (Rafale Marine Aircraft) खरीदेगा. Rafale-M Fighter Jet को INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे विमान वाहक पोतों पर तैनात किया जाएगा. राफेल-एम के आने से भारतीय सेना की ताकत और बढ़ जाएगी. यह फाइटर जेट हमारे देश का दुश्मन पाकिस्तान का छक्के छुड़ा देगा. राफेल-एम फाइटर आने से भारतीय समुद्री क्षेत्र में निगरानी, जासूसी, अटैक जैसे कई मिशन किए जा सकेंगे.

कब से होगी राफेल-एम की डिलवरी
फ्रांस से फाइटर जेट की खरीद की मंजूरी गत 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में मिली थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन विमानों की डिलीवरी 2028-29 में शुरू होगी और 2031-32 तक सभी विमान भारत पहुंच जाएंगे.

आपको मालूम हो कि भारत और फ्रांस के बीच ये डिफेंस डील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जिसमें फ्रांस के राजदूत और रक्षा सचिव राजेश कुमार शामिल हुए. इस डील के तहत भारत को 22 सिंगल-सीटर राफाल-एम जेट मिलेंगे, जो विशेष रूप से एयरक्राफ्ट कैरियर से संचालन के लिए जरूरी हैं. इसके अलावा 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर वेरिएंट भी खरीदे जाएंगे, जो पायलटों के प्रशिक्षण और ऑपरेशनल तैयारियों के लिए अहम भूमिका निभाएंगे.

राफेल मरीन फाइटर जेट की खासियत
1. राफेल-एम 50.1 फीट लंबा और 10.80 मीटर चौड़ा है. इसे 1 या 2 पायलट उड़ाते हैं.
2. राफेल-एम का वजन 15 हजार किलोग्राम है. 
3. राफेल-एम का फ्यूल कैपिसिटी 11202 किग्रा है, जिससे यह ज्यादा देर तक उड़ सकता है. 
4. यह सिंगल और डबल सीटर विमान 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. 
5. इस विमान के फोल्डिंग विंग्स भी काफी मजबूत हैं. रफ्तार 2205 किमी प्रतिघंटा है.
6. राफेल-एम में 30 एमएम की ऑटो कैनन गन और 14 हार्ड प्वाइंट्स हैं. 
7. राफेल-एम में तीन तरह के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, हवा से सतह पर मार करने वाली सात तरह की मिसाइलें, एक परमाणु मिसाइल या फिर इनका मिश्रण लगा सकते हैं.
8. राफेल-एम बहुत कम जगह पर भी लैंड कर सकता है.
9. राफेल-एम का AESA राडार टारगेट डिटेक्शन और ट्रैकिंग के लिए बेहतरीन है. इसमें स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम है जो इसे स्टेल्थ बनाता है. 
10. इसमें बीच हवा में ही रीफ्यूलिंग हो सकती है. यानी इसकी रेंज बढ़ जाएगी. 
11. यह फाइटर जेट एंटी-शिप वॉरफेयर के लिए बेस्ट है. इसमें प्रेसिशन गाइडेड बम और मिसाइलें लगा सकते हैं. 
12. राफेल-एम सिर्फ एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है. यह पाकिस्तान के एफ-16 और चीन के जे-20 से ज्यादा बेहतर है.
13. राफेल-एम 10 घंटे तक फ्लाइट डेटा की रिकॉर्डिंग कर सकता है.
14. राफेल-एम 9 टन तक के हथियार ले जाने में सक्षम है.
15. राफेल-एम में स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम भी है, जो इसे दुश्मन के रडार से बचाता है और स्टेल्थ क्षमता प्रदान करता है.

भारतीय सेना की बढ़ जाएगी और ताकत 
राफेल-एम के आने से भारतीय सेना की ताकत और बढ़ जाएगी. इस फाइटर जेट के आने से हवा, पानी और जमीन तीनों जगहों से सुरक्षा मिलेगी. इस तरह से भारतीय नौसेना अदृश्य कवच बना सकेगी. इससे पहले भारत और फ्रांस के बीच साल 2016 में एक सौदा हुआ था. अ

ब इन 26 राफेल-M की डील के साथ भारत की राफेल जेट की संख्या बढ़कर 62 हो जाएगी. अभी INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य पर मिग 29के फाइटर जेट तैनात हैं. अब जब राफेल-एम की तैनाती हो जाएगी तो भारतीय सेना की ताकत और बढ़ जाएगी. भारत की वायुसेना के पास पहले से ही राफेल विमान हैं. ऐसे में इसके उपकरणों और रखरखाव के लिए ट्रेनिंग में ज्यादा समस्या नहीं आएगी.


 

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